टी -20 क्रिकेट ने खिलाडियों का खेल के प्रति दृष्टिकोण काफी बदल दिया है. 2003 में, 250 एक सुरक्षित स्कोर और 300 के स्कोर को एक विकत कुल के रूप में माना जाता था. किसी भी टीम दवरा इस लक्ष्य को हासिल कर लेना तब एक चौंकाने वाली खबर हुआ करती थी. जैसा कि 2002 में भारत ने लॉर्ड्स में इंग्लैंड के 325 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए किया था.

लेकिन अब टीमों की 300 से अधिक स्कोर के लिए एक प्रवृत्ति सेट हो गयी है. वास्तव में अब रुझान धीरे-धीरे 400 रन की दिशा में बढ़ता जा रहा है. यहां तक ​​कि दक्षिण अफ्रीका ने 2006 में ऑस्ट्रेलिया के 434 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए असंभव को संभव बनाया था.

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पिछले एक दशक से 300 से अधिक स्कोर की अधिकतम संख्या की सूची-

वर्ष

300 का आंकड़ा

2007

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51

2008

27

2009

43

2011

32

2013

35

2014

31

2015

45*

मौजूदा आईसीसी नियम जो कि 30 अक्टूबर 2012 को लागु हुए थे बल्लेबाज़ों के हित में थे. कम सीमा के साथ साथ गैर पावर प्ले ओवरों के दौरान 30 गज के दायरे के बाहर चार क्षेत्ररक्षकों पर प्रतिबंध और बल्ले के आकार पर कोई प्रतिबंध न होने पर टीमों में गेंदबाजों के लिए ये दुखद है. गेंदबाजों के इस दुख को शांत करने के लिए आईसीसी ने हाल ही में बल्लेबाजी पावरप्ले को हटाने की संभावना पर चर्चा की और ओवर 41 और 50 के बीच सर्कल के बाहर पांच क्षेत्ररक्षकों की इजाजत दी.

ये सुझाव पिछले महीने मुंबई में हुई मुलाकात के दौरान आईसीसी की क्रिकेट समिति द्वारा दिए गए थे, अगर इन सुझावों की पुसगति हुई तो ये परिवर्तन होंगे- पहले 10 ओवर के लिए सर्कल के बाहर दो क्षेत्ररक्षकों को रखा जायेगा, अगले 30 के लिए चार और पिछले 10 ओवरों में पांच क्षेत्ररक्षक होंगे.

वहीँ बल्ले और गेंद के बीच संतुलन के विषय पर भी समिति ने बल्ले के आकार पर विचार-विमर्श जिसका निष्कर्ष यह निकला कि फिलहाल वर्तमान में आईसीसी बल्ले के आकार पर किसी भी नियम को लागू नहीं करेगी.

Sportzwiki संपादक

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