महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने कहा,, दुनिया को छोड़कर जाने वाले हर खिलाड़ी का हो सम्मान 1

विश्व के किसी भी खेल में जब कोई खिलाड़ी दुनिया को अलविदा कहता है तो उसकी याद में उसी खेल से जुड़े खिलाड़ी मैदान में जब उतरते हैं तो शोक प्रदर्शित करने के रूप में बाजु पर काली पट्टी बांधते हैं। वैसे ऐसा तभी देखने को मिलता है जब कोई नामी खिलाड़ी दुनिया को छोड़कर चल बसा हो, हर किसी लिए ऐसा शोक प्रदर्शित करते नहीं देखा जाता है।

सुनील गावस्कर चाहते हैं दुनिया को छो़ड़ने वाले हर खिलाड़ी को हो सम्मान

दुनिया को छोड़कर जाने वाले हर खिलाड़ी का सम्मान होना बनता है, लेकिन खेल जगत में कोई बड़ा नामी खिलाड़ी हो तभी ऐसा देखने को मिले तो ये बात कुछ सही नहीं कही जा सकती है।

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महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने कहा,, दुनिया को छोड़कर जाने वाले हर खिलाड़ी का हो सम्मान 2

भारत के पूर्व महानतम बल्लेबाज सुनील गावस्कर चाहते हैं कि हर किसी खिलाड़ी या अंपायर का सम्मान हो जो दुनिया को छोड़ चल बसता है। हाल के दिनों में खेल जगत के कुछ शख्स के दुनिया छोड़ जाने की बात से जोड़ते हुए सुनील गावस्कर ने साफ शब्दों में अपने कॉलम में लिखा कि हर किसी का सम्मान बनता है।

सुनील गावस्कर का कॉलम…

साल 2020 में अंतिम ओवर सबसे घातक बन गए हैं क्योंकि इनमें नियमित रूप से विकेट गिर रहे हैं। खेल की दुनिया में सबसे नवीनतम मामला किशोर भिमानी का है। वो अच्छे खेल लेखकों में से एक थे और उनके कुछ लेख व मैच रिपोर्ट कई दिग्गजों के बारे में लिखे गए थे। उनके ज्यादातर कॉलम को पाठक पढ़ते थे तो उससे कुछ सीखते थे और उसका लुत्फ भी उठाते थे।

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कोलकाता और दिल्ली में उनके कॉलम को अखबार के माध्यम से ज्यादातर पढ़ा गया। इसके अलावा न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान जॉन रीड भी हाल ही में हमें छोड़कर चले गए। वो 1950 में न्यूजीलैंड के दिग्गज खिलाड़ियों में से एक थे और वो आइसीसी मैच रेफरी भी थे। कुछ दिन पहले अफगानिस्तान के लिए कई टी-20 मैच खेलने वाले नजीब ताराकाई की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हो गई थी।

ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई भी खिलाड़ी उनके सम्मान में हाथ पर काली पट्टी बांधकर नहीं खेला। यह प्रतीत होता है कि हाथ पर काली पट्टी कुछ खिलाड़ियों के लिए ही बांधी जाएगी, ना कि सभी खिलाड़ियों के लिए। चाहे उसने एक मैच देश के लिए खेला हो या 100 से अधिक, अगर वो क्रिकेट की बिरादरी से जुड़ा है तो इस दुनिया को छोड़कर चला जाता है तो उसके लिए शोक मनाया जाना चाहिए। उसका सम्मान होना चाहिए। कुछ दुखदाई खबरों के अलावा कुछ अच्छी खबरों को लेकर भी जश्न मनाने का समय है।

राफेल नडाल ने रिकॉर्ड 13वां फ्रेंच ओपन खिताब जीता। ऐसा नहीं लग रहा है कि विश्व में कोई उनके इस रिकॉर्ड को तोड़ पाएगा। टेनिस विशेषज्ञों ने कहा है कि खेलने के लिए क्ले कोर्ट सबसे मुश्किल होता है और इस पर 13वां खिताब शानदार है। इसके साथ ही नडाल ने रोजर फेडरर के 20वें पुरुष सिंगल्स ग्रैंडस्लैम खिताब की बराबरी भी कर ली थी।

स्विट्जरलैंड के टेनिस खिलाड़ी फेडरर को अभी महान खिलाड़ी कहा जाता है, लेकिन नडाल के भी फेडरर के बराबर ही खिताब हो गए हैं और एक ग्रैंडस्लैम खिताब जीतकर ही वो उनके सर्वाधिक पुरुष सिंगल्स ग्रैंडस्लैम खिताब के रिकॉर्ड को तोड़ देंगे। कई ऐसे भी होंगे जो नडाल को महान खिलाड़ी कहना चाहेंगे। ये बहस दिलचस्प होगी और कई दिनों तक चल सकती है। इस बीच, हर किसी को उनके खेल का आनंद लेना चाहिए और उन खिलाड़ियों को भी अपनी फिटनेस को देखनी चाहिए और भविष्य को लेकर ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए।