क्रिकेट न केवल एक खेल बल्कि लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इस खेल को पूजा जाता है और खिलाड़ियों की भी काफी तवज्जो दिया जाता है। कई लोगों को खिलाड़ियों के सामान जैसे बल्ला, गेंद, ग्लव्स, शर्ट, पैंट आदि रखने का शौक होता है। यदि आपको भी कोई ऐसा शौक है तो आपके लिए खुशखबरी है, क्योंकि भारत के दिग्गज खिलाड़ी सुनील गावस्कर समेत कई दिग्गजों की कैप ऑक्शन की जाने वाली है।
ऑक्शन को लेकर तिलकरत्ने ने किया चौकाने वाला खुलासा
भारत और श्रीलंका के पूर्व सुनील गावस्कर और श्रीलंका के पूर्व कप्तान हसन तिलकरत्ने सहित पाकिस्तान के जहीर अब्बास की टेस्ट कैप, इंतिखाब आलम की 1970 से 1971 की वर्ल्ड इलेवन टीम की कैप की नीलामी होगी।
इसी बीच नीलामीकर्ता चार्ल्स लेस्की ने खुलासा किया है कि इनके अलावा नीलामी में जावेद मियांदाद की वर्ल्ड सीरीज की शर्ट और ट्राउजर पर रविवार को बोली लगाई जाने वाली है।
हालांकि इस नीलामी को श्रीलंकाई कप्तान तिलकरत्ने ने एक चौका देने वाला खुलासा किया है। तिलकरत्ने ने बताया कि उनके नाम की जिस कैप को नीलामी में रखा जा रहा है, वह उनकी है ही नहीं।
तिलकरत्ने ने किया अपनी कैप की नीलामी की बात से साफ इनकार
किसी भी खिलाड़ी की कैप उसके लिए बेहद कीमती होती है। तिलकरत्ने की कैप को मई 2003 में लेस्की नीलामी में असली सर्टिफिकेट के साथ खरीदा गया था। लेकिन तिलकरत्ने ने ऑक्शन में कभी भी अपने इस कैप को देने से साफ मना कर दिया है।
bdcrictime से खास मुखातिक होते हुए तिलकरत्ने ने कहा कि उनकी कैप उनके घर के म्यूजियम में रखी हुई है। वह उसे देखने वालों का अपने घर में स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा, कुछ पैसों के लिए अपने देश के गौरव को कभी नहीं बेच सकते। यहां तक कि इस श्रीलंकाई कप्तान ने अपने टेस्ट कैप की कुछ तस्वीरों को भी शेयर किया है।
शायद पूर्व कप्तान भूल चुके हैं वह मुलाकात…
नीलामीकर्ता ने बताया कि मौजूदा वेंडर ने 22 मई 2003 को पब्लिक ऑक्शन के दौरान लॉट 434 में इसे खरीदा था। तिलकरत्ने ने उस समय कोई आपत्ति नहीं जताई थी।
इसके अलावा उस ऑक्शन में बिकने वाली यह एक मात्र कैप नहीं थी, जो पहले तिलकरत्ने के पास थी। उन्होंने कहा कि कैटलॉक में लॉट 433 पर भी तिलकरत्ने के साइन है। यह पुरानी कैप है। दोनों कैप पर्थ के कीथ अटारी के बिहाफ पर बेचने के लिए दिया था।
कीथ एक पूर्व सीनियर पुलिस ऑफिसर थे, जो अब इस दुनिया में नहीं है। अपने रिटायरमेंट के बाद उन्होंने लंबे समय तक वाका के विजिटिंग रूम में काम किया था। नीलामीकर्ता ने कहा कि इससे यह लगता है कि तिलकरत्ने उस मौके को भूल गए हैं, जबकि पर्थ में उनकी और कीथ की मुलाकात हुई थी।