भारतीय क्रिकेट टीम को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हार के बाद 3 मैचों की वनडे सीरीज के पहले मैच में भी हार मिली है। भारत के पास एक संतुलित और मजूबत टीम है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका की पहले वनडे मैच में अनुभवहीन टीम ने भारत को 31 रन से हरा दिया।
भारतीय टीम को खलती ऑलराउंडर की कमी
भारत की पहले वनडे मैच में हार के बाद से ही टीम के सेलेक्शन से लेकर रणनीति को लेकर काफी सवाल खड़े हो रहे हैं। जिसमें भारतीय टीम के कप्तान केएल राहुल द्वारा वेंकटेश अय्यर को गेंदबाजी नहीं कराने को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
वेंकटेश अय्यर को एक ऑलराउंडर के रूप में टीम में शामिल किया, लेकिन उनसे पहले वनडे मैच में गेंदबाजी नहीं करवायी गई। भारत को वैसे भी पिछले कुछ समय से परफेक्ट ऑलराउंडर की कमी खल रही है।
सुनील गावस्कर ने ऑलराउंडर्स की कमी को बताया भारत की कमजोरी
भारत को इसकी कमी सालों से खल रही है, भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भारत की बड़े टूर्नामेंट्स नहीं जीत पाने और वनडे क्रिकेट को लेकर सबसे बड़ी कमी को बताया है, जिसमें उन्होंने साफ माना कि भारत को ऑलराउंडर्स की कमी रहती है।
सुलीन गावस्कर ने इंडिया टूडे के साथ बात करते हुए कहा कि “इस भारतीय टीम का बड़े टूर्नामेंट्स में फेल होने का एक बड़ा कारण टीम में ऑलराउडरों की कमी है। अगर आप 1983 विश्व कप विजेता टीम और 2011 विश्व कप विजेता टीम और 2011 विश्व कप विजेता टीम या 1985 की विश्व चैम्पियनशिप को देखें तो उस टीम में ऑलराउंडरों की भरमार थी।”
6, 7 और 8 पर बल्ले और गेंद दोनों से योगदान देने वाले खिलाड़ियों की जरूरत
वहीं सुनील गावस्कर ने आगे माना कि भारत को नंबर 6, 7 और 8 पर ऐसे खिलाड़ी चाहिए जो गेंद और बल्ले दोनों से उपयोगी योगदान दे सके। इससे टीम को काफी फायदा होगा।
गावस्कर ने कहा कि “वनडे क्रिकेट में नंबर 6,7 और 8 पर ऐसे खिलाड़ी चाहिए जो बल्ले और गेंद से अहम योगदान कर सकें। 2011 विश्व कप में युवराज सिंह और सुरेश रैना ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया था। इस पिछले 2-3 सालों में टीम इंडिया की यह सबसे बड़ी कमजोरी है।”