इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड की मेजबानी में खेले जाने वाले आईसीसी क्रिकेट विश्वकप 2019 में कुछ बदलाव नजर आएगा। आईसीसी ने इस विश्वकप के लिए टॉप-10 टीमों का रखने का ही फैसला किया है। ऐसे में पिछली बार की तरह इस बार एसोसिएठ टीमें विश्वकप में खेलती नजर नहीं आएंगी। एसोसिएट देशों को विश्वकप में जगह नहीं देना उनके लिए एक बड़ा झटका है।
इस विश्वकप में देशों की संख्या में हुई है कमी
इंटरनेशनल क्रिकेट कॉन्सिल ने वैसे एसोसिएट देशों को विश्वकप में जगह बनाने के लिए क्वलिफायर राउंड के तहत मौका तो दिया था, लेकिन आयरलैंड और स्कॉटलैंड जैसी अच्छी टीमें इसमें जगह बनाने में नाकाम रही। लेकिन ये देश आईसीसी के उस फैसले पर निराशा जाहिर कर रहे हैं, जिन्होंने विश्वकप के लिए टीमों की संख्या कम कर दी।
सुनील गावस्कर ने एसोसिएट देशों को लगाई लताड़
वहीं दूसरी ओर भारत के पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने आईसीसी के उस फैसले का समर्थन किया है जिसमें एसोसिएट देशों को विश्वकप में जगह नहीं दी। सुनील गावस्कर ने तो दो टूक इन एसोसिएट टीमों को विश्वकप का शो पीस करार दे दिया और इसके लिए क्वालिफाई करने लायक नहीं हैं।
गावस्कर की एसोसिएट देशों की विश्वकप में शामिल करने की मांग पर उठाए सवाल
सुनील गावस्कर ने कहा कि
“स्कॉटलैंड की इंग्लैंड पर आश्चर्यजनक जीत के बाद इन देशों ने एक बार फिर से अगले साल होने वाले विश्वकप में टीमों की संख्या का रोना रोया है। ये लोग भूल जाते हैं कि उनके लिए एसोसिएट सदस्यों का एक टूर्नामेंट था और टेस्ट क्रिकेट की रैंकिंग में निचले पायदान की दो टीमों ने अगले साल होने वाले विश्वकप के लिए क्वालिफाई किया है। अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज ने फाइनल नें पहुंचकर क्वालिफाई कर लिया।”
एसोसिएट देशों में विश्वकप में खेलने की नहीं है काबिलियत
सुनील गावस्कर ने आगे कहा कि
“यहां पर एक बिंदू तो साफ है कि अगर आयरलैंड और स्कॉटलैंड की टीमें अगले साल होने वाले विश्वकप की संख्या को लेकर शोर करते हैं तो वो सहयोगी मेंबर्स के रूप में एसोसिएट देशों के बाहर जगह बनाने में पर्याप्त नहीं थे तो फिर वो कैसे सोच सकते हैं कि विश्वकप में बड़े लड़कों के साथ लेंगे। ये तो वहीं है कि फुटबॉल विश्वकप में उपमहाद्विप की टीमें शामिल होने को कहे।”
सही बात तो ये है कि एक जीत आपको विश्वकप में खेलने के लिए पर्याप्त नहीं बनाती है। अगर इन टीमों को शामिल किया गया है जैसे हमने पिछले संस्करणों में देखा है, तो इससे खेल की गुणवत्ता नीचे आती जाती है। और विश्व कप का इवेंट बड़ा हो जाता है।
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