नवजोत सिंह सिद्धू के 30 साल पहले रोड रेज मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने रखा फैसला सुरक्षित, कभी भी आ सकता है फैसला 1

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्दू ने क्रिकेट में अपना खास नाम किया है। क्रिकेट की फिल्ड को छोड़ने के बाद ही नवजोत सिंह सिद्दू ने राजनीति का दामन थाम लिया, जिसके बाद आज वो एक दिग्गज राजनेता के तौर पर जाने जाते हैं। नवजोत सिंह ने अपने करियर में खास उपलब्धिया तो हासिल की है लेकिन आज तक उन पर 30 साल पुराना एक केस चल रहा है।

नवजोत सिंह सिद्धू के 30 साल पहले रोड रेज मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने रखा फैसला सुरक्षित, कभी भी आ सकता है फैसला 2

Advertisment
Advertisment

रोडरेज मामले में सिद्धू पर सुप्रीम कोर्ट ने रखा फैसला सुरक्षित

जी हां नवजोत सिंह सिद्दू पर 30 साल पहले यानि साल 1988 से चल रहे एक रोड़रेज केस में आज सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आया है। रोडरेज के इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्दू और उनके साथी रूपिंदर सिंह संधू की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है। अब गेंद पूरी तरह से सुप्रीम कोर्ट के पाले में हैं जो तय करेगा कि सिद्धू की सजा बरकरार रहेगी या नहीं।

Income tax seized two accounts of former cricketer navjot singh siddhu

30 साल पहले के रोड रेज मामले के दोषी हैं सिद्धू

Advertisment
Advertisment

1988 के रोडरेज के इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने नवजोतसिंह सिद्धू को 3 साल की सजा सुनायी थी। लेकिन इसके बाद सिद्धू ने हाई कोर्ट के फैसले तो चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तय किया है कि इस मामले का फैसला अभी के लिए सुरक्षित रखा गया है।

नवजोत सिंह सिद्धू के 30 साल पहले रोड रेज मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने रखा फैसला सुरक्षित, कभी भी आ सकता है फैसला 3

नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने आप को निर्दोष बताया

नवजोत सिंह ने अपनी याचिका में कहा था कि “वो निर्दोष हैं, उन्हें फंसाया गया है।” वहीं इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को 24 अप्रैल तक लिखित जवाब देने को कहा था। अब जब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की बुधवार को सुनवायी के दौरान कहा कि “इस मामले में कोई भी गवाह खुद से सामने नहीं आया, जिन भी गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं उनको पुलिस लाई थी। गवाहों के बयान विरोधाभासी हैं, जो भी मुख्य गवाह है उनके बयान एक-दूसरे से अलग हैं।”

नवजोत सिंह सिद्धू के 30 साल पहले रोड रेज मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने रखा फैसला सुरक्षित, कभी भी आ सकता है फैसला 4

 ये है रोड रेज का पूरा मामला
27 दिसंबर 1988 को गुरनाम सिंह, जसविंदर सिंह और एक और व्यक्ति किसी विवाह समारोह में शिरकत करने के लिए बैंक से पैसा निकालने के लिए जा रहे थे तो पटियाला में शेरनवाला गेट क्रॉसिंग के पास में एक जीप में सिद्धू और संधू दोनों कथित तौर पर मौजूद थे।  ऐसे में इन पर आरोप है कि जब वो(कार वाले तीनों शख्स) क्रॉसिंग पर पहुंचे तो कार चला रहे गुरमान सिंह ने देखा कि सिद्धू की जीप बीच सड़क पर खड़ी है। उन्होंने जीप को हटाने को कहा तो सिद्धू और उनके दोस्त की दूसरी पार्टी से तीखी नोकझोंक हो गई ।
वहीं पुलिस का दावा है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने उन तीनों की पिटाई की और घटनास्थल से बाग गए। घायल गुरमान सिंह को अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले को लेकर 1999 में तो सिद्धू हत्या के आरोप से बरी हो गए लेकिन 2006 में हाईकोर्ट ने सिद्धू और उनके दोस्त पर 1 लाख का जुर्माना और तीन साल की सजा तय की थी।
नवजोत सिंह सिद्धू के 30 साल पहले रोड रेज मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने रखा फैसला सुरक्षित, कभी भी आ सकता है फैसला 5
अगर आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आए तो प्लीज इसे लाइक और शेयर करें।