आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट कानिर्णय आ गया है । मुदगल रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद यह निष्कर्ष निकले है ।
1. सुप्रीम कोर्ट के अनुसार बीसीसीआई आर्टिकल 226 से उत्तरदायी है, और इसका कार्य जनता का कार्य है, इसका मतलब है, सीएसके का निर्णय अदालत या एक स्वतंत्र पैनल द्वारा लिया जाएगा, ना की आईपीएल सरकारी संस्था द्वारा ।
2. गुरुनाथ मेइयप्पन और राज कुंद्रा सट्टेबाजी में शामिल पाए गए ।
3. गुरुनाथ मेइयप्पन और राज कुंद्रा जो टीम अधिकारी और फ्रैंचाइज़ी भी है, उनको दुरव्यवहार के लिए सजा दी जाएगी ।
4. राज कुंद्रा को मुदगल पैनल ने सुना था, अब वह शिकायत नहीं कर सकते ।
5. श्रीनिवासन के खिलाफ कवर अप के 5. आरोप साबित नही होते ।
6. अपैक्स कोर्ट ने कहा की मुदगल समिति की जाँच को दोहराने की जरुरत नही ।
7. रूल 6.2.4 में बदलाव की जरुरत है (जिसमे बीसीसीआई अधिकारियों को आईपीएल टीम खरीदने का हक दिया गया है) ।
8. बीसीसीआई प्रमुख और सीएसके के मालिक के रूप में श्रीनिवासन ने फायदे के लिए बिवाद किया ।
9. श्रीनिवासन को सीअसके के मैच में बहुत फायदा हुआ, इसे उनपर शक है पर अभी कोई सबूत नाहे मिला ।
10. श्रीनिवासन अपने दामाद के सट्टेबाजी का स्कैंडल को दबाने में शामिल नाही थे ।
11. श्रीनिवासन के पास इंडियन सीमेंट के शेयर होना बेबुनियाद है क्योकि इनके परिवार काफी सक्षम है ।
12. रूल 6.2.4 में बदलाव को सुप्रिमे कोर्ट द्वारा रोका गया है ।
13. किसी भी बीसीसीआई व्यवस्थापक को वाणिज्यिक हित नही है ।
14. जिस तथ्य के आधार पर श्रीनिवासन को टीम दी गई वो ही दोषी है ।
15. श्रीनिवासन को बीसीसीआई और सीएसके में एक उच्च पद का चुनाव करना होगा ।
16. आईपीएल सीओओ सुन्दर रमण पर आरोपों की जाँच आगे बढ़नी होगी ।
17. बीसीसीआई समिति के चुनाव में बदलाव करना होगा ।
18. पूर्व जजों की तीन सदस्य वाली समिति, आरएम लोढ़ा, अशोक भान और आर.वी. रवींद्रन सुप्रीम कोर्ट के फैसल की समीक्षा करेंगे ।
19. न्यायमूर्ति रवींद्रन, न्यायमूर्ति भान और न्यायमूर्ति लोढ़ा फैसला करेंगे मेइयप्पन, राज कुंद्रा और फ्रैंचाइज़ी पर सट्टेबाजी का ।
20. फायदे के लिए क्रिकेट में भ्रम को बढ़ावा मिलता है ।
21. श्रीनिवासन इस साल बीसीसीआई चुनाव नाहे लड़ सकते ।
22. बीसीसीआई को अगले छ महीनो में नए चुनाव करने होंगे ।