महेन्द्र सिंह धोनी का किरदार तो निभा लिया, लेकिन उन्हें समझ नहीं पाए सुशांत सिंह राजपूत, नहीं तो आज होते जिंदा 1

वही अंदाज…. वही स्टाइल… वही चाल चलन… वही उत्साह…. बोलने का भी हूबहू स्टाइल और सब कुछ वही जो महेन्द्र सिंह धोनी के क्रिकेटर करियर में उनकी शैली रही। ये किरदार बॉलीवुड के दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने भारत के महान कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी पर बनी बायोपिक “एमएस धोनी ‘द अनटोल्ड स्टोरी’ ”  में निभाया।

एमएस धोनी बायोपिक में धोनी का रोल निभाने वाले सुशांत सिंह राजपूत ने की थी आत्महत्या

भारत के इस दिग्गज बल्लेबाज के जीवन पर बनी फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत ने जबरदस्त रोल निभाया लेकिन हाल ही में 14 जून को इस रिल धोनी ने अपने घर में ही फांसी लगाकर अपने जीवन को हमेशा के लिए खत्म कर दिया।

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बॉलीवुड के उभरते एक्टर के तौर पर देखे जा रहे सुशांत सिंह राजपूत ने जिस तरह से घर में तनाव के कारण फांसी लगा दी उसके बाद अब एक से एक खुलासे हो रहे हैं जिसमें नेपोटिज्म को सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है, जिसके तहत सुशांत को कुछ बड़े लोग अपना नहीं मानते थे और इसी कारण ने सुशांत सिंह राजपूत को तोड़ दिया और उन्होंने ये बड़ा कदम उठाया।

सुशांत सिंह की तरह ही धोनी ने भी देखा था कई बार मुश्किल समय

महेन्द्र सिंह धोनी की बायोपिक में तो सुशांत सिंह राजपूत ने धोनी की जबरदस्त एक्टिंग की थी। जिसमें उन्होंने दर्शकों को बिल्कुल भी आभास नहीं होने दिया है उनमें धोनी से जुदा कुछ अंदाज है। यहां तक की मैदान में उतरने का स्टाइल और पिच पर नजर आने के तरीके तक ने उन्हें हर किसी को अपना कायल बना दिया।

सुशांत सिंह राजपूत

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रिल लाइफ में तो सुशांत सिंह राजपूत ने धोनी का रोल निभाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी लेकिन जब उनके रियल लाइफ की बात आयी तो उन्होंने धोनी को फॉलो नहीं किया और सुसाइड कर लिया। वैसे धोनी के जीवन में भी मुश्किलें कम नहीं आयी लेकिन धोनी ने पूरे विश्वास और हौंसले के साथ उसका सामना किया अगर सुशांत ऐसा करते तो आज वो अपने बीच होते।

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आपको इस रिपोर्ट में हम बताते हैं आखिर धोनी ने अपने जीवन में किन मुश्किलों का सामना कर उससे बाहर निकले और क्रिकेट जगत के सबसे बड़े क्रिकेटर बने।

गरीबी भी नहीं तोड़ पायी जज्बा

महेन्द्र सिंह धोनी का परिवार रांची में रहता है। उनके पिता एक मामूली सी नौकरी करते थे जिनके पास इतना ज्यादा पैसा नहीं था। उनके पिता मेकॉन में एक पंप पर ऑपरेटर का काम करते थे। परिवार की हालात काफी तंग थी। ऐसे में पिता धोनी को बड़ा अफसर बनाना चाहते थे। लेकिन धोनी कभी पढ़ाई में अच्छे नहीं दिखे।

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अंडर-19 टीम में किया गया नजरअंदाज

किसी भी खिलाड़ी के लिए अंडर-19 क्रिकेट वो पड़ाव होता है जहां से वो अपने आपको आगे के लिए तैयार करता है। इसमें धोनी का किस्तम काफी खराब रहा। भारत की 2000 की अंडर-19 विश्व कप के लिए टीम का चयन किया गया तो धोनी को जगह नहीं मिली और अजय रात्रा को उनसे बेहतर विकेटकीपर होने के नाते चुन लिया गया।

अपने पहले ही मैच में शून्य के स्कोर पर आउट

घरेलू क्रिकेट में कड़ी मेहनत के बाद आखिर में धोनी को 2004 के अंत में बांग्लादेश के खिलाफ भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका मिला। इस मैच में धोनी को बल्लेबाजी भी मिली लेकिन वो 7वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए और शून्य के स्कोर पर चलते बने। ऐसी खराब शुरुआत के बाद कोई भी खिलाड़ी कैसी स्थिति का सामना करेगा इसके बारे में सोचा जा सकता है। लेकिन धोनी ने इससे हार नहीं मानी और अगली ही सीरीज में पाकिस्तान के खिलाफ धमाका किया।

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आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग केस ने भी धोनी को लपेटा

भारतीय क्रिकेट में आईपीएल 2013 के सीजन को एक बहुत ही विवादित माना जाता है क्योंकि इस सीजन में स्पॉट फिक्सिंग का केस सामने आया था। जिसमें राजस्थान रॉयल्स के कई खिलाड़ियों को बैन कर दिया गया । राजस्थान रॉयल्स के अलावा चेन्नई सुपर किंग्स की टीम भी इसमें लिप्त पायी गई। जिससे धोनी पर भी सवाल उठे लेकिन उन्होंने इन बातों की पहवाह किए बगैर आगे बढ़ते रहे।

धोनी

विदेश में लगातार 4 टेस्ट हार से भी निराश नहीं हुए धोनी

भारतीय क्रिकेट में महेन्द्र सिंह धोनी सबसे बड़े कप्तान माने जाते हैं। लेकिन साल 2013-14 का सीजन उनके करियर में एक असफलता की कहानी लेकर आया जब उन्हें अपनी कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में लगातार चार विदेशी टेस्ट सीरीज गंवानी पड़ी। धोनी की खूब आलोचना हुई तो उन्होंने कप्तानी से इस्तीफा देने के साथ ही संन्यास भी ले लिया।

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2016 में उठे फिटनेस पर सवाल और हुई संन्यास की मांग

भारत की मेजबानी में साल 2016 का टी20 विश्व कप खेला गया जहां भारतीय टीम खिताब की प्रबल दावेदार थी लेकिन भारत को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। भारत की हार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में धोनी को पत्रकार से अपने संन्यास के बारे में सोचने जैसे सवालों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने उसी पत्रकार को अपने पास बुलाकर फिटनेस के बारे में पूछा। जिससे पत्रकार ने धोनी को बेस्ट बताया।  यानि वो कभी संन्यास जैसे सवालों पर डरे नहीं और सीधे मुंह पर जवाब दिया।

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अगर सुशांत करते धोनी को फॉलो तो आज वो होते अपने बीच

महेन्द्र सिंह धोनी ने अपने जीवन में इस तरह की कई मुश्किलों को सामना किया लेकिन कभी पीछे नहीं हटे और घबराए नहीं बल्कि हर स्थिति और दबाव का सामना किया। इसी तरह से अगर रील लाइफ में धोनी का किरदार निभाने वाले सुशांत सिंह राजपूत अपनी रियल लाइफ में धोनी को फॉलो करते तो आज उनके साथ ये ना होता।

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