मैन ऑफ़ द मैच मिचेल स्वैपसन की शानदार गेंदबाज़ी की बदौलत टी20 सीरीज़ के तीसरे और आखिरी मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 12 रन से हरा कर खुद को क्लीन स्वीप से बचा लिया है. तीसरे मैच में टॉस हार कर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत को 20 ओवर में 187 रन का लक्ष्य दिया. जिसके जवाब में भारतीय टीम 20 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 174 रन ही बना सकी.
समय रहते स्किड होती गेंद पर पाया काबू
4 ओवर में 23 रन दे कर 3 विकेट चटकाने के बाद मैन ऑफ़ द मैच चुने जाने पर पोस्ट-मैच प्रेज़ेंटेशन में युवा गेंदबाज़ मिचेल स्वैपसन ने कहा कि,
“मैन ऑफ़ द मैच अवॉर्ड लेते हुए मुझे काफ़ी खुशी महसूस हो रही है. इसके अलावा अपनी टीम के लिए मैच जीतना भी एक अलग तरह का सुखद अनुभव होता है. मुझे लगता है कुछ मौकों पर गेंद स्किड कर रही थी पर ये अच्छा रहा कि मैंने समय रहते चीज़ों पर काबू पा लिया. इसके उदाहरण के तौर पर आप अय्यर का विकेट देख सकते हैं.”
ऑस्ट्रेलिया का शानदार प्रदर्शन
तीसरे और आखिरी टी20 में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने लगभग सभी विभागों में शानदार प्रदर्शन किया. पहले बल्लेबाज़ी करते हुए मैथ्यू वेड की 80 और ग्लैन मैक्सवेल की बेहतरीन अर्धशतकीय पारियों के दम पर कंगारू टीम बोर्ड पर 5 विकेट के नुकसान पर 186 रन लगाने में सफ़ल रही. वहीं जब भारतीय टीम इस लक्ष्य का पीछा करने उतरी तो वो पूरे 20 ओवर खेलने के बाद भी 7 विकेट पर174 रन ही बना सकी. नतीजतन भारतीय टीम ये मैच 12 रन से हार कर क्लीन स्वीप करने से चूक गई.
कहाँ चूकी भारतीय टीम
आखिरी मैच में टॉस जीत कर पहले गेंदबाज़ी करने फ़ैसला भारतीय टीम के लिए किसी भी तरीके से बेहतर साबित नहीं हुआ. भारतीय गेंदबाज़ी की बात करें तो वॉशिंगटन सुंदर और नटराजन को छोड़ कर बाकी सभी गेंदबाज़ लाइन-लेंग्थ से भटके हुए नज़र आ रहे थे.
इसके बाद भारतीय बल्लेबाजी ने भी मैच में खासा कुछ प्रभावित नहीं किया. कप्तान विराट कोहली की 85 रन की पारी को एक ओर रख कर बात करें तो टीम का कोई भी खिलाड़ी 30 रन का स्कोर भी पार नहीं कर सका. यही कुछ कमियाँ तीसरे मैच में भारतीय टीम की हार की बड़ी वजह बनी.