कोई भी टीम चाहें कितनी भी सीरीज जीत ले, लेकिन आईसीसी खिताब के बिना उन जीतों के कुछ खास मायने नहीं होते हैं. क्रिकेट प्रशंसक व खिलाड़ी अपनी टीम को आईसीसी ट्रॉफी के साथ देखना चाहते हैं. मगर टीम इंडिया पिछले कुछ वक्त से आईसीसी टूर्नामेंट्स में शुरुआत तो अच्छी करती है मगर अंत निराशाजनक होता है. जी हां, अब आंकड़ों पर गौर करें तो भारत पिछले 7 सालों में 10 बार नॉकआउट मुकाबले तक पहुंची है जहां मात्र एक खिताबी जीत मिली है.
टीम इंडिया को करना होगा समाधान
भारतीय क्रिकेट टीम मौजूदा वक्त में विश्व क्रिकेट में मजबूत टीमों में गिनी जाती है. बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड है और वह खिलाड़ियों को हर सुख सुविधा देता है. इन सबके बावजूद टीम डगमगाई हुई सी है. असल में टीम विपक्षी टीमों के साथ होने वाली सीरीज में तो जीत दर्ज कर लेती है लेकिन बड़े टूर्नामेंट्स में टीम की सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है.
हमने आखिरी आईसीसी खिताब 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जीता था, इसके बाद से भारत में आईसीसी खिताब का सूखा है. पिछले 7 सालों से एक ही कहानी लगातार दोहराई जा रही है कि टीम लीग मुकाबलों में अच्छा प्रदर्शन करती है मगर नॉकआउट मैचों में हारकर वापस लौटती है.
7 सालों में भारत ने 9 आईसीसी मुकाबलों के नॉकआउट में जगह बनाई है लेकिन अंडर-19 विश्व कप 2018 को छोड़ दिया जाए तो 8 बार हार ही हाथ लगी है. तो आइए आपको बताते हैं कब-कब मिली टीम को हार….
अंडर-19 विश्व कप 2020
आईसीसी अंडर-19 विश्व कप में टीम इंडिया जीत के लिए पसंदीदा मानी जा रही थी. इस मैगा इवेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले यशस्वी जायसवाल और विकेट्स लेने वाले रवि विश्वोई रहे. फाइनल तक के सफर में भारत ने एक भी मैच में हार का मुंह नहीं देखा.
सेमीफाइनल में अपनी चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को 10 विकेटों से हराकर टीम ने फाइनल में प्रवेश किया. जहां बांग्लादेश के हाथों मिली हार के चलते भारतीय टीम रनरअप बनकर रह गई. असल में फाइनल मुकाबले में बांग्लादेशी टीम ने शुरुआत से ही भारत पर दबाव बनाया जिसे अंत तक बरकरार रखा.