टीम इंडिया (Team India) में सेलेक्शन होना जितना मुश्किल है, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल है, टीम में अपनी जगह को बरकरार रखना। कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो टीम इंडिया से अंदर बाहर होते ही रहते हैं। इसी बीच दो भारतीय खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जो काफी लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं लेकिन उनके लिए टीम के दरवाजे लगता है अब हमेशा-हमेशा के लिए बंद ही हो चुके हैं। इन खिलाड़ियों का करियर मुश्किल में फंसा हुआ है। आइये जानते हैं, इन दोनों खिलाड़ियों के बारे में।
पृथ्वी शॉ
इस लिस्ट में पहला नाम पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw), जो रोहित शर्मा की तरह ही तूफानी अंदाज में बैटिंग करते हैं। आज के समय में वो विश्व के सबसे घातक युवा बल्लेबाजों में से एक हैं। शॉ जब अपने रंग में होते हैं, तो सभी गेंदबाज उनसे खौफ खाते हैं। इसका नजारा हम आईपीएल में देख ही चुके हैं। उन्हें अब क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट से बाहर कर दिया गया है। एक समय पर टीम इंडिया (Team India) के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने कहा था कि उनके अंदर सहवाग, सचिन और लारा की झलक दिखाई पड़ती है। इसके साथ ही कुछ क्रिकेट पंडितों का यह भी कहना है कि वो सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग के कॉम्बो हैं।जिस तरह से सचिन और सहवाग शुरूआती ओवर में तहलका मचा देते थे और रन बनाते थे, ठीक कुछ प्रकार के खिलाड़ी पृथ्वी शॉ भी हैं।
ऐसे खतरनाक बल्लेबाज को चयनकर्ता लगातार नजरअंदाज करते हुए आ रहे हैं। वहीं, यह खिलाड़ी अपनी कप्तानी में भारत की अंडर19 टीम को विश्व कप भी जिता चुका है। साल 2018 में उनकी कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को अंडर-19 वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में करारी मात दी थी। ऐसे में पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) एक बेहतर बल्लेबाज के साथ-साथ एक बेहतर कप्तान का भी विकल्प दे सकते हैं। बता दें कि उन्होंने टीम इंडिया (Team India) के लिए 5 टेस्ट और 6 वनडे मैच खेले हैं और इस दौरान उन्होंने क्रमश: 339 रन और 189 रन बनाए हैं। वहीं, आईपीएल के 63 मैचों में उनके नाम 1588 रन दर्ज हैं। साथ ही वो भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में 1 शतक भी जड़ चुके हैं।
मनीष पांडे
इस लिस्ट में दूसरा नाम मनीष पांडे (Manish Pandey) का जो ख़राब प्रदर्शन की वजह से टीम इंडिया (Team India) से बाहर कर दिए गए हैं। एक समय पर उन्हें भविष्य का खिलाड़ी कहा जाता था लेकिन आज पांडे को टीम से बाहर कर दिया गया है। उन्होंने भी शानदार डेब्यू किया था। साल 2015 में जिंबाब्वे के खिलाफ मनीष ने 86 गेंदों पर 71 रन बनाए थे। इसके बाद सिडनी में 81 गेंदों पर 104 रन बनाए और टीम की जीत पक्की की लेकिन इसके बाद वो चोटिल होकर टीम से अंदर बाहर होते रहे। चोट की वजह से उनके प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिली जिसके बाद वो हमेशा के लिए टीम से बाहर कर दिए गए।
मनीष पांडे(Manish Pandey) ने भारत के लिए 2015 में वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया था। उन्होंने टीम इंडिया के लिए 28 वनडे खेलते हुए 555 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक भी शामिल है जबकि 39 टी20 मैचों में उन्होंने कुल 709 रन ही बनाए हैं। पांडे ने अपना आखिरी वनडे 23 जुलाई 2021 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था। इसके साथ ही वो साल 2009 में आईपीएल में शतक जडने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज थे। बैंगलोर की तरफ से खेलते हुए, उन्होंने डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ उन्होंने 73 गेंदों में नाबाद 114 रनों की पारी खेली थी। बता दें कि वो आईपीएल 2022 में लखनऊ का हिस्सा थे लेकिन 6 मैचों में वो मात्र 88 रन ही बना सके। उनके हालिया प्रदर्शन को देखकर तो अब बिल्कुल भी नहीं लगता है कि उनकी कभी टीम इंडिया (Team India) में वापसी हो सकती है।