2019 में शुरू हुई वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में कई बड़ी टीमों ने अपना दमखम दिखाया लेकिन अंत में बाजी टीम इंडिया और न्यूजीलैंड ने मारी. दोनो टीमों के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल (WTC Final) मुकाबला 18 जून से इंग्लैंड के साउथहैम्टन में खेला जाएगा. दोनों ही टीमें बेहद मजबूत हैं. टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन, दोनों को ही टेस्ट क्रिकेट का बेहतरीन बल्लेबाज माना जाता है.
जो भी हो लेकिन कुछ चीजें टीम इंडिया के फेवर में जाती हुई दिखाई पड़ती हैं उसके आधार पर हम ये कह सकते हैं की टीम इंडिया वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC Final) में न्यूजीलैंड को हरा देगी. तो चलिए उन चार कारणों पर नजर डालते हैं जो टीम इंडिया को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC Final) जीतने का दावेदार बताते हैं.
1- विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे का साउथहैम्पटन में शानदार रिकॉर्ड
टीम इंडिया के पक्ष में जो सबसे ज्यादा है वो है साउथहैम्टन में कप्तान विराट कोहली और उपकप्तान अजिंक्य रहाणे का बेहतरीन रिकॉर्ड. विराट कोहली ने यहां दो टेस्ट मैचों की चार पारियों में 42.75 की औसत और 51.50 के स्ट्राइक रेट से 171 रन बनाए हैं. इस दौरान विराट ने एक आर्धशतक लगाया है. उनका एक पारी में उच्चतम स्कोर 58 रन है.
तो वहीं अजिंक्य रहाणे ने इस मैदान में दो टेस्ट मैच खेलते हुए चार पारियों में 56 की औसत और 41.27 के स्ट्राइक रेट से 168 रन बनाए हैं. एक पारी में रहाणे का उच्चतम स्कोर 54 रन हैं. उन्होंने कुल तीन अर्धशतक लगाए हैं.
2- चेतेश्वर पुजारा के रूप में टीम इंडिया के पास है मजबूत डिफेंस
राहुल द्रविड के रिटायर होने के बाद उनकी कमी को टीम इंडिया में चेतेश्वर पुजारा ने बखूबी पूरा किया है. उन्हें टीम इंडिया की दूसरी दीवार भी कहा जाता है. पुजारा की बल्लेबाजी की सबसे बड़ी खासियत उनका मजबूत डिफेंस है जिसकी टेस्ट क्रिकेट में सख्त जरूरत होती है. अपनी इसी ताकत के दम पर टीम इंडिया का ये खिलाड़ी विपक्षी टीम के गेंदबाजों को थकाने में माहिर है.
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC Final) के फाइनल में भी पुजारा न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के लिए सिर दर्द बन सकते हैं. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया की जीत में कहीं ना कहीं पुजारा का डिफेंसिव मोड भी टीम इंडिया की जीत में काफ़ी काम आया था. उन्होंने, कमिंस, हेजल वुड, और स्टार्क की तिकड़ी को पूरी तरह से थका दिया था.
3- नंबर 9 तक मजबूत बल्लेबाजी
ये टीम इंडिया का एक ऐसा मजबूत प्वाइंट है जिसके दम पर टीम बेहद ही मजबूत नजर आती है. टीम इंडिया की तरफ से रविंद्र जडेजा गेंदबाजी के अलावा बेहतरीन बल्लेबाजी भी कर लेते हैं, वहीं आर अश्विन ने तो पिछली कुछ पारियों में गजब की बल्लेबाजी की है. इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शतक और ऑस्ट्रेलिया में सिडनी टेस्ट मैच बचाने में अश्विन ने जिस अंदाज में बल्लेबाजी की थी वो काबिले तारीफ है.
इसके अलावा वॉशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) और शार्दुल ठाकुर भी ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद कई बार बल्लेबाजी का दम दिखा चुके हैं. कुल मिलाकर टीम इंडिया की इस ताकत की बदौलत उसकी बल्लेबाजी काफी लंबी नजर आ रही है. प्लेइंग इलेवन में नंबर 9 तक टीम इंडिया के बल्लेबाज बल्लेबाजी कर सकते हैं.
4- ऑस्ट्रेलिया में मिली जीत से सातवें आसमान पर टीम का आत्मविश्वास
वैसे तो टीम इंडिया ने घरेलू सीरीज में इंग्लैंड को भी टेस्ट सीरीज में बुरी तरह से हराया था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में टीम ने अपने सीनियर खिलाड़ियों के बिना जिस तरह से कंगारूओं को उन्हीं के घर में चोरो खाने चित्त कर दिया वह काबिले तारीफ है. तेज गेंदबाजी आक्रमण की बात हो तो न्यूजीलैंड से कहीं ज्यादा मजबूत गेंदबाजी आक्रमण ऑस्ट्रेलिया का है.
पैट कमिंस, हेजलवुड और स्टार्क के सामने जिस बेखौफ अंदाज में टीम इंडिया खेली उसी का परिणाम था कि उसने बॉर्डर- गावस्कर ट्रॉफी 2-1 से अपने नाम कर ली. ऑस्ट्रेलिया में हासिल हुई जीत का टीम इंडिया को मनोवैज्ञानिक लाभ वर्ल्ड टेस्ट चैंपिनशिप के फाइनल (WTC Final) में जरूर मिलेगा.