ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में होने वाले आईसीसी टी20 विश्व कप टूर्नामेंट को लेकर आईसीसी और बीसीसीआई में ठन गई है। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए आईसीसी कई बार टी20 क्रिकेट विश्व कप के स्थगन के संकेत दे चुकी है। लेकिन अभी तक आईसीसी ने इस विश्व कप को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है।
टी20 विश्व कप के फैसले को लेकर बीसीसीआई और आईसीसी आमने-सामने
एक ओर जहां क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया टी20 विश्व कप का आयोजन इस साल मुश्किल मान रहा है और कई बार बयान भी दे चुका है लेकिन वहीं दूसरी तरफ आईसीसी ने इस साल टी20 विश्व कप को रद्द करने के संकेत जरूर दिए हैं।
लेकिन अभी तक रद्द करने की पुष्टि नहीं की है। जैसे-जैसे इस फैसले में देरी हो रही है वैसे-वैसे बीसीसीआई की आईपीएल के आयोजन को लेकर कोई स्पष्ट फैसला नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अब बीसीसीआई पचोपेश की स्थिति में फंसी है।
बीसीसीआई ने आईसीसी चैयरमैन शशांक मनोहर पर जानबूझकर फैसले में देरी का आरोप लगाया
आईसीसी के द्वारा लगातार इस फैसले को आगे के लिए टालने पर अब बीसीसीआई का धैर्य जवाब दे गया है और आईसीसी से बीसीसीआई भिड़ गया है। बीसीसीआई ने आरोप लगाया है कि आईसीसी के अध्यक्ष शशांक मनोहर जानबूझकर टांग अड़ाने का काम कर रहे हैं।
बीसीसीआई की तरफ से दो-टूक कहा जा रहा है कि आईसीसी एक रणनीति के तहत बीसीसीआई की आईपीएल के आयोजन की तैयारी में देरी करने की कोशिश कर रही है। बीसीसीआई इस समय टी20 विश्व कप के नहीं होने पर आईपीएल की मेजबानी करने की तरफ देख रही है।
फैसला करने में क्यों लग रहा है इतना समय?
बीसीसीआई के एक बड़े अधिकारी ने नाम जाहिर ना करने की शर्त पर कहा कि निवर्तमान आईसीसी चैयरमैन भ्रम की स्थिति क्यों पैदा कर रहे हैं? अगर मेजबान क्रिरेट बोर्ड टी20 विश्व कप का आयोजन नहीं करना चाहता है तो उन्हें फैसले की घोषणा करने के लिए एक महीनें का समय क्यों लग गया?
साथ ही बीसीसीआई के अधिकारी ने इस विलंबता से हर देश को नुकसान होने की बात कही। उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट को लेकर अगर जल्द से फैसला होता है तो इससे सदस्य देशों को अपनी द्विपक्षीय सीरीज की योजना बनाने में भी मदद मिलेगी।
अधिकारी ने कहा कि “ये बीसीसीआई या आईपीएल का मामला नहीं है। अगर आईसीसी इस महीनें टूर्नामेंट को स्थगित करने की घोषणा करता है तो जिन सदस्य देशों के खिलाड़ी आईपीएल का हिस्सा नहीं हैं वे भी इस दौरान अपनी द्विपक्षीय सीरीज को लेकर योजना बना सकते हैं। फैसला करने में विलंब से सभी को नुकसान होगा।”