एक दौर था जब एकदिवसीय क्रिकेट में 100 का आंकड़ा छूने में बल्लेबाजों के पसीने छूट जाते थे। टेस्ट क्रिकेट में कुछ ऐसे बल्लेबाज हैं, जो दस से भी ज्यादा दोहरे शतक जड़ चुके हैं अपने करियर में। लेकिन अब एकदिवसीय क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं है। पिछले एक दशक में आठ दोहरे शतक जड़े जा चुके हैं।
इस आर्टिकल में हम बात कर रहे हैं कुछ ऐसे ही दोहरे शतकों की, लेकिन लिमिटेड ओवर फॉर्मेट में नहीं बल्कि टेस्ट क्रिकेट में। इतिहास में बहुत से ऐसे मौके रहे जब एक ही पारी में एक नहीं बल्कि दो बल्लेबाजों ने जड़ दिए एक साथ दोहरे शतक।
रिकी पोंटिंग-माइकल क्लार्क
मौका था भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2012 टेस्ट सीरीज़ का चौथा मैच। ऑस्ट्रेलिया पहले ही भारत पर सीरीज़ में 3-0 की अजेय बढ़त बनाये हुए थी। चौथे टेस्ट की पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 84 पर तीन विकेट हो चला था और कंगारू मुसीबत में थे।
मैदान पर आये माइकल क्लार्क और रिकी पोंटिंग, इन दोनों के बीच 386 रन की रिकॉर्ड तोड़ पार्टनरशिप ने जन्म लिया। पोंटिंग ने 221, तो दूसरी तरफ़ क्लार्क ने 210 रन की पारी खेल भारत को बैकफुट पर धकेल दिया। ऑस्ट्रेलिया ने आख़िरी मैच भी भारी अन्तर से जीता और सीरीज़ में भारत का 4-0 से सूपड़ा साफ़ किया।
महेला जयवर्धने-थिलन समरवीरा
यह वह दौर था जब थिलन समरवीरा, अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ फ़ॉर्म से गुज़र रहे थे। 2009 में पाकिस्तान के खिलाफ़ टेस्ट सीरीज़ का पहला मैच। इनके बीच रिकॉर्ड, 437 रन की पार्टनरशिप हुई। महेला जयवर्धने ने 240 और थिलन समरवीरा ने 231 रन की पारी खेली।
यह भी एक दिलचस्प तथ्य रहा कि ये दोनों ही 614 के स्कोर पर आउट हुए। इस मैच में पाकिस्तानी लीजेंड, यूनुस खान के करियर का पहला और आख़िरी तिहरा शतक भी आया।
ग्रीम स्मिथ-नील मैकेंज़ी
साउथ अफ्रीका का 2008 बांग्लादेश दौरा, दूसरा टेस्ट। साउथ अफ्रीका पहले खेलने उतरी और कप्तान, ग्रीम स्मिथ और नील मैकेंज़ी ने बंगलादेशी बॉलरों की खटिया खड़ी कर पहले विकेट के लिए 415 रन की पार्टनरशिप जमाई।
ग्रीम स्मिथ ने 232 तो वहीँ नील मैकेंज़ी ने 226 रनों की पारी खेली। यह आज भी टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी पार्टनरशिप है।
गौतम गंभीर-वीवीएस लक्ष्मण
ऑस्ट्रेलिया का 2008 भारत दौरा, भारत सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बनाये हुए थी। एक मैच ड्रा के रूप में ख़त्म हुआ था, तीसरे टेस्ट में भारत पहले खेलने उतरा, भारत संघर्ष कर रहा था, क्योंकि वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर पवेलियन लौट चुके थे। पांचवें नंबर पर आये वीवीएस लक्ष्मण।
गंभीर ने 206 रन की और लक्ष्मण 200 रन बनाकर नाबाद लौटे। यह मैच ड्रा के रूप में ख़त्म हुआ था।
महेला जयवर्धने-कुमार संगकरा
साउथ-अफ्रीका का श्रीलंकाई दौरा, 2006 में खेले गए टेस्ट सीरीज़ के पहले मैच में अफ़्रीकी टीम 169 के स्कोर पर ही धराशायी हो गयी थी। श्रीलंका इसके जवाब में दो विकेट 14 रन के स्कोर पर ही गंवा चुकी थी।
लेकिन कुमार संगकरा ने यहाँ 287 रन की पारी खेली, लेकिन तिहरे शतक से चूक गए। वहीँ महेला जयवर्धने के टेस्ट करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी और उच्चतम स्कोर इसी मैच में आया। जब उन्होंने 374 रन की पारी खेल साउथ-अफ़्रीकी गेंदबाजों को जैसे बखिया उधेड़ दी थी। टेस्ट