क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत मात्र 16 वर्ष के उम्र में की थी. जब वो दिग्गज पाकिस्तान टीम के खिलाफ खेल रहे थे. उनके पर्दापण मैच को लेकर भी बहुत सवाल है. अब खुद दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने कहा है की वो अपने पर्दापण मैच को ही आखिरी टेस्ट मैच समझने लगे थे.
सचिन तेंदुलकर ने अब पर्दापण टेस्ट के बारें में बोला
मात्र 16 वर्ष के उम्र में ही भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के मजबूत गेंदबाजी विभाग के खिलाफ अपना पर्दापण टेस्ट मैच खेला था. अब जिसके बारें में उन्होंने नसीर हुसैन से बात करते हुए स्काई स्पोर्ट्स को दिए इंटरव्यू में कहा कि
” मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. मुझे अब ये बात माननी पड़ेगी. मैं पहला टेस्ट मैच ऐसे खेल रहा था. जैसे मैं स्कूल में ही हूँ. वसीम और वकार बहुत तेज गेंदबाजी कर रहे थे. उसके साथ ही वो तेज बाउंसर भी मार रहे थे. उसके अलावा वो हर चीज कर रहे थे जो वो कर सकते थे. मैंने ऐसा कुछ पहले कभी नहीं देखा था. इसलिए मेरा पहला मैच बहुत ज्यादा खुश करने वाला नहीं रहा था. मैं उनके गति और उछाल से मात खा रहा था.”
ड्रेसिंग रूम लौटते वक्त शर्मिंदा थे सचिन
छोटे स्कोर पर पाकिस्तान के खिलाफ पर्दापण मैच में आउट होने के बाद ड्रेसिंग रूम में शर्मिंदा होने की बात पर सचिन तेंदुलकर ने बताया कि
” जब मैं 15 रनों पर आउट हुआ तो ड्रेसिंग रूम लौटते समय मैं बहुत ज्यादा शर्मिंदा था. मैं ये सोच रहा था की मैंने क्या किया मैदान पर, मैं इस तरह क्यों खेला था, ये सोचते हुए फिर मैं ड्रेसिंग रूम पहुंचा था. मैं फ़ौरन फिर बाथरूम में चला गया और मेरे आँखों में आँसू थे. मैं खुद को उस समय बाहर का मान रहा था. मैं खुद को देखा और सवाल पूछा ‘ ये लग रहा है की ये मेरा पहला और आखिरी टेस्ट मैच हैं’. मुझे लगा की इस स्तर पर खेलने के लिए मैं अभी तैयार नहीं हूँ. मैं गुस्से में और निराश था.”
रवि शास्त्री ने दी थी सचिन तेंदुलकर को बड़ी सलाह
उस समय के सचिन तेंदुलकर के साथी खिलाड़ी रवि शास्त्री ने उन्हें सलाह दिया था. जिसके बारें में सचिन ने कहा कि
” फिर मैंने कुछ देर रवि शास्त्री से बात की थी. रवि शास्त्री ने मुझसे कहा था की ‘ तुम इस मैच को स्कूल मैच की तरह खेल रहे थे. तुम सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजो के खिलाफ बल्लेबाजी कर रहे हो उन्हें सम्मान दो पहले. मैदान पर जाकर कुछ देर समय बिताओ फिर कोई शॉट खेलो.”