कुक के कप्तानी में युवा इंग्लैंड टीम काफी आत्मविश्वास से भरी है एशेज से पहले जो की 8 जुलाई से शुरू होगा. विश्वकप में खराब प्रदर्शन के बाद, स्ट्रास को नया टीम डायरेक्टर बनाया गया, और उन्होंने पीटर मूर्स को कोच के पद से हटाया और नयी टीम बनाई.
इसका परिणाम भी देखने को मिला, जब इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को वनडे में 3-2 से हराया. मोर्गन ने वनडे में आक्रमकता दिखाई कप्तानी में, और टेस्ट सीरीज कुक के कप्तानी में 1-1 से बराबरी रही, और कुक ने काफी डिफेंसिव कप्तानी की.
कुक को अपने कप्तानी और बल्ले से खराब प्रदर्शन के लिए पिछले दों सालों से काफी सुनना पडा है, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ बल्ले से वे फॉर्म में आए है जो उनके लिए अच्छा है. लेकिन कप्तानी उनके लिए चिंता का विषय है, और स्ट्रास ने कल साफ कर दिया की, एशेज के लिए कुक बेहतर है लेकिन हम भविष्य के बारे में अब नहीं कह सकते, इससे ये इशारा मिलता है की कुक सिर्फ एशेज जीतकर ही अपनी कप्तानी बचा सकते है.
कुक अब महान खिलाडी बन गये है और उनके नाम काफी रन है, लेकिन पिछले एशेस में 5-0 से हार मिलने के बाद से उनकी काफी आलोचना हुई है.
काफी लोगों का मानना है की ये सब ड्रेसिंग रूम में अच्छा माहौल ना होने की वजह से है.
जब से उन्होंने 2006 में पहला मैच खेला है तब से उनकी आदत रही है शतक लगाना. लेकिन 2013 से उनका कोई शतक नहीं लग रहा था, जो इस साल आखिरकार हो गया.
2012 के बाद से कुक को इसीबी ने फुल टाईम कप्तान बनाया.
कुक के कप्तानी में इंग्लैंड ने भारत में सीरीज जीती जो की एक एतिहासिक जीत थी.
भारत के खिलाफ भारत में 24 साल बाद इंग्लैंड ने सीरीज जीती, और अॉस्ट्रेलिया को एशेस में 3-0 से हराया.
फिर 2013 में एशेस में 5-0 से हार मिली इंग्लैंड को और श्रीलंका ने भी उनके घर में उन्हें हराया.
उन्होंने कप्तानी की शुरूआत में 7 मैचों में 6 शतक लगाए थे बाद में उनका प्रदर्शन खराब हुआ.
2006 में भारत के खिलाफ पहले टेस्ट में उन्होंने शतक लगाया और फिर पाकिस्तान, वेस्टइंडीज के खिलाफ भी शतक लगाया.
स्पिनर के खिलाफ उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है और उनकी औसत 57 की रही है स्पिन के खिलाफ.
लेकिन इस साल विश्वकप से पहले वनडे से उनको निकाला गया.
अब इस एशेज में उनका करियर दाव पर है.