विश्व क्रिकेट की सबसे हाई प्रोफाइल टी-20 क्रिकेट लीग इंडियन प्रीमियर लीग के 11वें सीजन का फाइनल हुए करीब एक महीना होने को है। इस सीजन में वैसे तो जबरदस्त सफलता हासिल की लेकिन इस बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। 27 मई को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स और सनराईजर्स हैदराबाद के बीच खेले गए फाइनल मुकाबले को लेकर एक सनसनीखेज बात सामने आयी है जिसके सुन आप भी चौंक जाएंगे।
आईपीएल फाइनल मैच के प्रसारण को लेकर बड़ा खुलासा
वैसे तो इस सीजन के दौरान सट्टेबाजी होने का मामला सामने आया जिसके बाद पुलिस ने कार्यवाही करते हुए सट्टेबाजों को गिरफ्तार भी किया लेकिन अब जाकर ये खुलासा हुआ है कि फाइनल मैच के दौरान एक बड़े पैमाने पर जालसाजी हुई है। ये जालसाजी फाइनल मैच की लाइव ब्रडकास्टिंग को लेकर है जहां पर खुलासा हुआ है कि फाइनल मैच की लाइव फीड को हैक कर लिया गया था।
लाइव फीड को 8-10 सेकंड कर लिया गया था हैक
यानि पूरी दुनिया ने जो फाइनल मैच टीवी पर देखा था वो पूरी तरह से लाइव फीड नहीं थी। फाइनल मैच की लाइव फीड से मैच करीब 8 से 10 सेकंड की देरी से चलने की बात सामने आयी है। मैदान में जो घट रहा था उससे तो वास्तविकता में तो हमें टीवी पर ये 8 से 10 सेकंड की देरी से दिखाया जा रहा था। टीवी पर होने वाला प्रसारण उपग्रहों से केबल के जरिए टीवी तक पहुंचता है, लेकिन इस बीच प्रसारण को हैक कर लिया गया था।
टीवी दर्शकों तक देरी से पहुंचा लाइव प्रसारण
इंदौर पुलिस ने एक गिरोह का पर्दाफाश किया जिन्होंने इस लाइव फीड के साथ छेड़छाड़ की। ये पता चला है कि इस फीड को समय पर प्रसारित करने से रोककर गिरोह दुबई में स्थित बुकी को जरूरी सूचना मुहैया करवा रहा था। अब ये चुनौतीपूर्ण हो गया है कि इस लाइव फीड को किस तरह से देरी से पहुंचाने का काम किया गया।
इंदौर पुलिस के साइबर क्राइम ब्रांच ने किया खुलासा
वहीं आईपीएल का ब्रॉडकास्टिंग पार्टनर स्टार स्पोर्ट्स की मिली प्रतिक्रिया को लेकर इंदौर पुलिस के साइबर क्राइम ऑफिसर जितेन्द्र सिंह ने कहा कि “चूकिं वो तो टीवी पर प्रसारित होने वाली लाइव फीड से पहले फीड को हासिल कर रहे थे। जो लाइव प्रसारण से 8-10 सैंकड आगे होता था. ऐसा लगता है कि वो ना केवल मैचों के दौरान ऑनलाइन सट्टेबाजी में बाधाओं को जोड़ते थे, बल्कि ये फीड अन्य लोगों को प्रदान करते थे, जो एप्स के माध्यम से मैचों पर सट्टेबाजी कर रहे थे।”
फीड को हैक करने को लेकर जांच में जुटी टीम
फीड हासिल करने के लिए ब्रॉडकास्टिंग के डेटा को तोड़ना बहुत मुश्किल है। डेटा को असेंबल करने के लिए बीएसएस कोड की जरूरत होती है। जो गहर 10 से 15 मिनट में बदलता रहता है। वेबसाइट के ऐसे खातों की जांच करना सट्टेबाजों के लिए कठीन है। वहीं इसको लेकर जितेन्द्र सिंह ने कहा कि
“ फिर भी किसी ने इस कोड को तोड़ दिया और फीड चुरा ली।गिरफ्तार सट्टेबाजों ने हमें बताया कि वो दुबई में स्थित एक और बुकी से ये लाइव फीड हासिल कर रहे थे। ये हमारे लिए एक चुनौतीपूर्ण मामला है। आईपीएल स्टार टीवी के आधिकारिक प्रसारक के हमारे विशेषज्ञ और इंजिनियर ये जानने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं कि कैसे बुकी बीआईएसएस कोड को आसानी से चोरी करने में सक्षम रहे।”
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