खिलाडियों को मैदान में या मैदान के बाहर अपने व्यवहार के चलते बैन कर दिया हो ये तो हम सुनते ही हैं, कोई खिलाडी जब किसी अवैध मामलो में भागीदारी होता है चाहे वह फिक्सिंग हो, स्लेजिंग हो या और कोई हरकत तो उसपर बैन लगना लाज़मी है क्योंकि खेल की शालीनता बनाए रखने के लिए अधिकारियों को सख्त होना पड़ता है और खिलाडियों को बुरे काम की सजा भी दी जाती है. लेकिन यहाँ एक क्रिकेटर को प्रतिबंधित किये जाने का बहुत ही असामान्य कारण है.

एक बाएं हाथ के स्पिनर बॉबी पील ने 101 विकेट लेने के साथ 1884-1896 की अवधि के दौरान 20 टेस्ट मैचों के लिए इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व किया है. उनमे गेंदबाज़ी की अच्छी प्रतिभा थी, लेकिन वह अन्य कारणों के लिए और अधिक लोकप्रिय हो गए थे. वह नशे के आदि हो गए थे और ज्यादा पीने की वजह से उन्हें कई मैचों से हटा भी दिया गया था. लेकिन उनके जीवन में सबसे खराब हालात तब हो गए थे जब उन्हें यॉर्कशायर के लिए खेलने से प्रतिबंधित कर दिया गया था.

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जब 1897 में क्रिकेटर को पिच पर पेशाब करने की वजह से किया गया प्रतिबंधित 1

वर्ष 1897 में दोपहर के भोजन के बाद यॉर्कशायर एक चैम्पियनशिप खेल में लंकाशायर के खिलाफ खेल रहा था, पील ने दोपहर के भोजन के बाद शेफील्ड ग्राउंड पर जैसे ही अपनी टीम के साथ कदम रखा उन्होंने कुछ ऐसा किया जिसने कि इस खेल को यॉर्कशायर के लिए इनका अंतिम खेल बना दिया. पील ने पिच पर ही पेशाब कर दिया.

हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि वास्तव में क्या हुआ था पील का कहना था कि वह फील्डिंग करते वक़्त फिसल गए थे लेकिन बाद में साथी खिलाडी जॉर्ज हिर्स्ट ने कहा था कि वह मैदान में नशे में आये थे और जब उन्हें वहाँ से जाने के लिए कहा तो गलत दिशा में एक गेंद डाली. वह फिर कभी काउंटी के लिए नहीं खेले. दशकों बाद इसके पीछे की कहानी चर्चा में आई कि मैदान से भेजे जाने से पहले पील ने पिच पर पेशाब कर दिया था.

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