भारत और श्रीलंका के बीच तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला इस समय अपने चर्म पर है. अभी तक एक टेस्ट मैच खेला जा चुका हैं और दूसरा खेला जा रहा हैं. अभी तक दौरे पर टीम इंडिया के सभी खिलाड़ियों ने सभी खिलाड़ियों ने लाजवाब खेल दिखाया हैं. मगर एक खिलाड़ी ऐसा भी हैं, जिसका खेल केवल देखते ही बन रहा हैं. जी हाँ ! हम और किसी की नहीं, बल्कि टॉप आर्डर के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा की बात कर रहे हैं. आईपीएल नीलामी में ना लिए जाने के बाद अब छल्का चेतेश्वर पुजारा का दर्द
बना रहे हैं रिकॉर्ड
कोलंबो में टीम इंडिया अपना दूसरा टेस्ट मैच खेल रही हैं और यह चेतेश्वर पुजारा के टेस्ट करियर का 50वां टेस्ट मैच हैं. इस टेस्ट मैच की पहली पारी में चेतेश्वर पुजारा ने शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए 133 रनों की बढ़िया पारी खेली और अपने करियर के 4,000 रन भी पूरे किये. आये दिन चेतेश्वर पुजारा क्रिकेट के मैदान पर बड़े बड़े कीर्तिमान बनाते ही जा रहे हैं.
खेल रहे थे मैच जब मिली माँ की मौत की खबर
आप सभी की जानकारी के लिए बता दे, कि चेतेश्वर पुजारा एक क्रिकेटिंग परिवार से ही आते हैं, लेकिन फिर भी टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए पुजारा को बहुत ज्यादा संघर्ष का सामना करना पड़ा. चेतेश्वर पुजारा के करियर में उनकी माँ रीना का बहुत बड़ा हाथ रहा. बात 2005 की हैं, जब चेतेश्वर पुजारा अंडर-19 का मैच खेलने के लिए बाहर गये हुए थे, तब मैच खेलने जाने से पहले पुजारा ने अपनी माँ से बात फोन पर बात की. पुजारा ने कहा था, कि ”माँ मैं मैच के लिए निकल रहा हूँ और जब पापा लौटे तो उन्हें मुझे लेने भेज देना.” किसने क्या कहा: पहले दिन शानदार खेल के बाद आकाश चोपड़ा ने बाँधे पुजारा के तारीफों के पूल, तो सर जडेजा ने दिया नाम
अगले पुजारा स्टेडियम में मैच खेलने के पहुंचे तो उनकी माँ की मौत की खबर सामने आई. जब पुजारा की माँ का देहांत हुआ, तब पुजारा मात्र 17 वर्ष के थे. पुजारा की माँ रीना पुजारा की मौत कैंसर की बीमारी की वजह से हुई थी.
माँ का सपना किया पूरा
चेतेश्वर पुजारा की माँ अपने बेटे को देश के लिए खेलता हुआ देखना चाहती थी. पुजारा ने भी अपनी माँ के सपने को पूरा करने के लिए जी जान लगा दी. घरेलू क्रिकेट में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर चेतेश्वर पुजारा ने ठीक पांच साल के अंदर ही टीम इंडिया में अपनी जगह बना ली और टेस्ट डेब्यू किया. विराट और पुजारा नहीं बल्कि इस भारतीय खिलाड़ी के फैन हुए आकाश चोपड़ा, दुसरे टेस्ट से पहले बाँधे तारीफों के पूल
चाहे कुछ भी हो चेतेश्वर पुजारा की सफलता के पीछे उनकी माँ का बहुत बड़ा हाथ रहा और इसमें उनके माँ की दुआएं भी शामिल हैं. पुजारा ने भी एक बार कहा था, कि ”माँ मुझे देश के लिए खेलता देखना चाहती थी, लेकिन जिस दिन मुझे ये मौका मिला, उस दिन अफ़सोस मेरी माँ मेरे साथ नहीं थी.”