भारतीय टीम में जिस भी खिलाड़ी को अपने डेब्यू का मौका मिल जाता है. उसकी जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती हैं, लेकिन कुछ दुर्भाग्यशाली खिलाड़ी ऐसे होते हैं, जो भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम तक तो पहुंच जाते हैं, लेकिन उन्हें अपने अंतरराष्ट्रीय डेब्यू का मौका नहीं मिल पाता हैं.
आज हम भी आपकों अपने इस ख़ास लेख में भारत के उन पांच खिलाड़ियों का नाम बताएंगे, जो टीम में चुने जाने के बावजूद, अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू नहीं कर पाये.
सुनील वाल्सन
सुनील वाल्सन ने बिना कोई अंतरराष्ट्रीय मैच खेले विश्वकप जीत लिया था. 1983 विश्व विजेता टीम का हिस्सा रहे, लेकिन वाल्सन को एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका नहीं मिला है.
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज वाल्सन को कपिल देव, रोजर बिन्नी और मदन लाल जैसे गेंदबाजों की वजह से विश्व कप में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था. वह भारत के ड्रेसिंग रूम में पहुँचने के बावजूद अपना डेब्यू नहीं कर पाये.
रणदेव रणजीत बोस
रणदेव रणजीत बोस नाम के इस तेज गेंदबाज को इंग्लैंड के खिलाफ साल 2007 की तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में शामिल किया गया था, लेकिन उन्हें एक भी मौका प्लेइंग इलेवन में खेलने का नहीं मिल पाया था.
दीपक हुड्डा
दीपक हुड्डा भी भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में जा चुके हैं. उन्हें निदहास ट्राई सीरीज में व श्रीलंका के खिलाफ 2017 में खेली गई घरेलू तीन मैचों की टी-20 सीरीज में मौका दिया गया था, लेकिन वह इन दोनों सीरीज में होने के बावजूद भारतीय टीम के लिए अपना डेब्यू नहीं कर पाए थे.
बासिल थंपी
बासिल थंपी को भी श्रीलंका के खिलाफ 2017 में खेली गई घरेलू तीन मैचों की टी-20 सीरीज में मौका दिया गया था, लेकिन वह भी इस सीरीज में भारतीय टीम के लिए अपना डेब्यू नहीं कर पाए थे.
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