आज हम आपकों अपने इस खास लेख में भारत के उन खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में तो शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन उन्हें कभी भी भारत की टीम से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला.
अमोल मजुमदार
अमोल मजुमदार भारत के घरेलू क्रिकेट का एक बहुत बड़ा नाम रहे है और इस बात का पता इसे ही चलता है, कि उन्होंने कुल 171 प्रथम श्रेणी मैच खेले हुए है.
अमोल ने अपने 171 प्रथम श्रेणी मैचों के करियर में 48.13 की औसत से 11167 रन बनाये. उन्होंने 20 साल तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला, लेकिन इस दौरान उन्हें कभी भी भारतीय टीम से खेलने का मौका नहीं मिला. उन्होंने अपने 113 मैचों के लिस्ट ए करियर में 38.20 की औसत से 3286 रन भी बनाये.
सितांशु कोटक
सौराष्ट्र के लिए घरेलू क्रिकेट खेले सितांशु कोटक ने कुल 130 प्रथम श्रेणी मैच खेले है. जिसमे उन्होंने 41.76 की औसत से 8071 रन बनाये. उन्होंने लिस्ट ए के 89 मैचों में 42.23 की औसत से 3083 रन भी बनाये है. घरेलू क्रिकेट में अच्छे औसत के बावजूद सितांशु को 20 साल के लम्बे क्रिकेट करियर में कभी भी भारतीय टीम से खेलने का बुलावा नहीं आया.
सुनील वाल्सन
बाये हाथ के माध्यम गति के तेज गेंदबाज सुनील वाल्सन ने दिल्ली और रेलवे की टीम के लिए घरेलू क्रिकेट खेला है. उन्होंने कुल 75 प्रथम श्रेणी मैचों में 25.75 की बेहतरीन औसत से 212 विकेट लिए हुए है. वहीं उन्होंने 22 लिस्ट ए के मैचों में 23 विकेट हासिल किये हुए है. उनके प्रथम श्रेणी क्रिकेट के बेहतरीन रिकॉर्ड को देखने के बावजूद चयनकर्ताओं ने कभी भी उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं दिया.
रोबिन बिष्ट
राजस्थान के बल्लेबाज रोबिन बिष्ट भी कुल 90 प्रथम श्रेणी मैच खेल चुके है. जिसमे उन्होंने 46.85 की शानदार औसत से 5950 रन बनाये हुए है. उनके इस शानदार औसत के बावजूद भारतीय टीम के चयनकर्ताओं ने उन्हें कभी भी मौका नहीं दिया है.
उनमुक्त चंद
उनमुक्त चंद प्रथम श्रेणी क्रिकेट के कुल 60 मैच अब तक खेल चुके है. जिसमे उन्होंने 34.23 की औसत से 3184 रन बनाये हुए है. वहीं उन्होंने अपने लिस्ट ए करियर के कुल 98 मैच खेले है. जिसमे उन्होंने 41.91 की औसत से 3730 रन बनाये हुए है. उनमुक्त चंद के लिस्ट ए करियर के शानदार औसत के बावजूद अबतक उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिल पाया है.