हाल ही में आशीष नेहरा को अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में एक शानदार विदाई मिली थी और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को भी क्रिकेट से एक शानदार फेयरवल मिला था.
लेकिन सचिन और नेहरा के अलावा भारतीय टीम के कई दिग्गज खिलाड़ी ऐसे थे. जिन्हें एक यादगार फेयरवल नहीं मिल पाया था, इसमें भारतीय क्रिकेट के कई बड़े नाम शामिल है और आज हम आपको पांच ऐसे ही भारतीय दिग्गज खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे. जो एक शानदार विदाई के हक़दार थे, लेकिन उन्हें बीसीसीआई की तरफ से एक शानदार विदाई नहीं मिल पाई.
वीरेंद्र सहवाग
मुल्तान के सुल्तान कहे जाने वाले स्टार ओपनर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के साथ बीसीसीआई ने बहुत बुरा किया था. वीरेंद्र सहवाग भारतीय टीम के एकलौते ऐसे बल्लेबाज है, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 2 बार तिहरा शतक लगाया था. साथ ही साथ सहवाग ने वनडे क्रिकेट में भी दोहरा शतक लगाया हुआ है. जो अपने आप में किसी भी खिलाड़ी के लिए एक बहुत बड़ी बात है.
साल 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैदराबाद टेस्ट में वीरेंद्र सहवाग को अंतिम बार खेलने का मौका मिला था. उसके बाद सहवाग को वापस टीम में कभी नहीं बुलाया गया. अंततः सहवाग ने 2015 में एक दिन अचानक अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से अलविदा कह दिया था और इस प्रकार सहवाग की क्रिकेट से एक सुखद विदाई नही मिल पाई.
वीवीएस लक्ष्मण
वीवीएस लक्ष्मण ने 1996 से 2012 तक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेला लक्ष्मण ने भारतीय टीम के लिए टेस्ट में 8781 रन बनाये. उन्होंने अपना लास्ट टेस्ट मैच 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड के मैदान में खेला था. अपने इस टेस्ट मैच के बाद वीवीएस लक्ष्मण को कभी दोबारा भारतीय टीम में नहीं बुलाया गया और जिसके उन्होंने मैदान के बाहर से ही संन्यास की घोषणा दी थी.
जहीर खान
जहीर खान ने भारतीय टीम के लिए 2000 से 2013 तक अंतराष्ट्रीय क्रिकेट खेला. जहीर खान ने विश्वकप 2011 में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम के लिए 21 विकेट निकाले. जहीर ने अपना अंतिम अंतराष्ट्रीय मैच साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2013 में खेला, लेकिन इसके बाद जहीर को भी भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला और उन्होंने भी बाद में 2015 में मैदान के बाहर से ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया था.
राहुल द्रविड़
भारतीय टीम की दिवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ का भारतीय क्रिकेट को बहुत बड़ा योगदान रहा है. राहुल द्रविड़ ने 1996 से 2012 तक भारतीय टीम के लिए क्रिकेट खेला और अपने शानदार प्रदर्शन से भारतीय टीम को कई मैच में जीत दिलाई, लेकिन वह जिस विदाई के हक़दार थे बीसीसीआई से राहुल द्रविड़ को वह विदाई नहीं मिली. राहुल द्रविड़ ने 2012 में अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला उसके बाद द्रविड़ को भी टीम में मौका नहीं मिला जिसके बाद निराश होकर अंततः द्रविड़ ने भी क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी.
सुनील गावस्कर
भारतीय टीम के लिए 1971 से 1987 तक क्रिकेट खेला था. गावस्कर दुनिया के पहले ऐसे खिलाड़ी है, जिन्होंने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में 10,000 रन का आँकड़ा पार किया था.
गावस्कर ने भारतीय टीम की तरफ से अपना अंतिम मैच 1987 विश्वकप में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था. इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफ़ाइनल मैच में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाये थे, जिसके बाद उन्हें दोबारा कभी भारतीय टीम में नहीं बुलाया गया और इस तरह एक महान खिलाड़ी को क्रिकेट के मैदान से शानदार विदाई नहीं मिल पाई.
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