क्रिकेट में अफगानिस्तान के शानदार प्रदर्शन के बाद आईसीसी ने हाल ही में अफगानिस्तान टीम को टेस्ट मैच खेलने की मान्यता दे दी है, अफगानिस्तान को टेस्ट टीम का दर्जा दिलाने में अफगानिस्तानी क्रिकेटरो ने बड़ी मेहनत की थी, क्योंकि उन्होंने मुश्किल हालातों के बावजूद अपनी टीम को इस मुकाम तक पहुँचाया है, आज हम आपको अफगानिस्तान के चार ऐसे ही क्रिकेटरो के बारे में बतायेंगे जिनका बचपन रिफ्यूजी कैम्प में गुजरा है.
मोहम्मद नबी
अफगानिस्तान के पूर्व कप्तान मोहम्मद नबी का बचपन पाकिस्तान- अफगान बॉर्डर पर स्थित पेशावर के एक रिफ्यूजी कैम्प पर गुजरा, रिफ्यूजी कैम्प के बेहद खराब हालातों के बीच रहकर नबी ने क्रिकेट खेलना सिखा और दोबारा अपने देश लौटकर अपने देश का अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रतिनिधित्व किया, नबी अपनी टीम के सबसे मुख्य ऑलराउंडर है, वो 83 वनडे और 58 टी20 मैच खेल चुके है नबी अब तक वनडे में 1942 और टी20 में 876 रन बना चुके है, इसके आलावा वह वनडे में 85 और टी20 में 59 विकेट ले चुके है.
समीउल्लाह शेनावारी
समीउल्लाह शेनावारी का बचपन भी रिफ्यूजी कैम्प में गरीबी और मुसीबतों के बीच बीता अफगानिस्तान में युद्ध के हालातों के बीच शेनावारी का परिवार तभी पाकिस्तान के रिफ्यूजी कैम्प चला गया था, जब वह काफी छोटे थे, समीउल्लाह शेनावारी भी अपनी टीम के ऑलराउंडर है, वो 71 वनडे और 55 टी20 मैच खेल चुके है शेनावारी अबतक वनडे में 1602 और टी20 में 848 रन बना चुके है, इसके अलावा वह वनडे में 44 और टी20 में 28 विकेट ले चुके है.
नवरोज मंगल
अफगानिस्तान के इस क्रिकेटर का जन्म भी पेशावर के रिफ्यूजी कैम्प में हुआ है, जहाँ उन्होंने पढ़ाई करने के साथ ही क्रिकेट भी सिखा, नवरोज मंगल ने अपने क्रिकेट करियर में 49 वनडे और 32 टी20 मैच खेले जिसमे उन्होंने वनडे में 1139 और टी20 में 505 रन बनाए.
जावेद अहमदी
अफगानिस्तान के बल्लेबाज जावेद अहमदी का बचपन भी बेहद मुश्किल हालातों में निकला, अहमदी भी पाकिस्तान- अफगान बॉर्डर पर स्थित पेशावर के एक रिफ्यूजी कैम्प पर अपना बचपन गुजारना पड़ा, जावेद अहमदी ने अपने क्रिकेट करियर में अबतक 33 वनडे और 3 टी20 मैच खेले है, जिसमे उन्होंने वनडे में 736 और टी20 में 6 रन बनाए है.