आईपीएल 2019 के लिए नीलामी हो चुकी है. सभी टीमों ने अपनी टीमों का चयन कर लिया है. पिछले साल की विजेता चेन्नई सुपर किंग्स ने भी अपनी टीम बना ली है. चेन्नई के मालिकों ने ज़्यादातर खिलाड़ियों को रिटेन करने का फ़ैसला किया है ताकि टीम का संतुलन न बिगड़े. 23 खिलाड़ी टीम में पहले से ही थे, इसके अलावा 3 सदस्यों को रिलीज़ कर दिया गया है और 2 को शामिल किया गया है.
इन खिलाड़ियों को नीलामी के दौरान चेन्नई ने अपने साथ जोड़ा है
चेन्नई के लिए खेले टीम में तेज़ गेंदबाज़ मोहित शर्मा को वापस बुलाया गया है और इनके साथ ऋतुराज गायकवाड को भी नीलामी के दौरान टीम में शामिल किया गया है. टीम ने और किसी खिलाड़ी को नीलामी के दौरान टीम में नहीं लिया गया. इन नामों में कोई ऐसा नाम नही है जिन्होंने हाल के दिनों में कोई कमाल किया हो.आइए आपको बताते हैं चेन्नई ने और कौन सी बड़ी कमजोर कड़ी उनके साथ जुड़ गई है जिस वजह से इनका 2019 का आईपीएल सीजन खराब हो सकता है.
युवा खिलाड़ियों का ना होना टीम के लिए बन सकती है मुसीबत
चेन्नई की टीम में युवा खिलाड़ियों की कमी है. टीम में खिलाड़ियों की औसत आयु 32 साल की है. जिनमे शेन वाटसन खुद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी 37 साल के हैं. सुरेश रैना भी अब 32 साल के हो गए हैं. चेन्नई के मालिकों को टीम में कुछ युवा चेहरों को भी जगह देनी चाहिए थी जिससे उम्र का संतुलन बना रहता लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. ये उनके प्रदर्शन पर असर डाल सकती है.
टॉप ऑर्डर में है बल्लेबाजों के विकल्प की कमी
चेन्नई सुपर किंग्स के पास टॉप के ऑर्डर में बल्लेबाजों की कमी साफ़-साफ़ दिख रही है. अगर अंबाती रायडू की बात करें तो पिछले सीज़न में उन्हें कई क्रम में आज़माया गया था. हर ऑर्डर में रायडू ने अपनी ज़िम्मेदारी बख़ूबी निभाई थी. जब इस दल में फ़ॉफ़ डुप्लेसी को शामिल किया गया, तब रायडू को निचले क्रम में भेज दिया गया था. अगर प्लेऑफ़ में उन्होंने नाबाद 67 रन की मैच जिताउ पारी को छोड़ दें तो उन्होंने ज्यादा कमाल किया नहीं है. उनका एक बेहतर विकल्प ज़रूरी है.
टीम में वॉटसन, डुप्लेसी और रायडू की जगह मुरली विजय पारी की शुरुआत कर सकते हैं. हांलाकि विजय अब टी-20 के उतने प्रभावी खिलाड़ी नहीं रहे. ऐसे में चेन्नई टीम के मालिकों को टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज़ों का चयन करना चाहिए था.
टीम में विदेशी तेज गेंदबाजों की कमी
अगर टीम से ब्रावो को छोड़ दें, तो चेन्नई टीम ने हाल में ही मार्क वुड को रिलीज़ किया है. ऐसे में धोनी की टीम में लुंगी नगीदी और डेविड विली ही विदेशी तेज़ गेंदबाज़ बचेंगे
. विली को लेकर ये आशंका जताई जा रही है कि शायद वो पूरे सीज़न के लिए टीम में मौजूद नहीं रहेंगे क्योंकि वो उस वक़्त अपनी राष्ट्रीय टीम को सेवाएं दे सकते हैं. यही आशंका विश्व कप को देखते हुए लुंगी नगीदी के लिए भी लगाईं जा रही है. पूरे टूर्नामेंट के लिए एक विदेशी तेज़ गेंदबाज़ पर निर्भर रहना कहां तक सही होगा.
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