विश्व क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी हैं. जिनके अंदर काबिलियत होने के बावजूद वो ज्यादा क्रिकेट नहीं खेल पाए. जैसे- सचिन तेंदुलकर के साथ क्रिकेट खेलने आए विनोद कांबली. एकतरफ सचिन ने क्रिकेट के महान खिलाड़ी बने तो वहीं विनोद कांबली के पास काबिलियत होने के बाद भी वो ज्यादा नहीं खेल पाएं. इसी तरह कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो बेहतर कप्तान हो सकते थे. लेकिन उनकी काबिलियत को किसी ने परखा नहीं.
आइए आपको ऐसे ही पांच कप्तान के बारे में बताते हैं.
1. गौतम गंभीर
भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर आईपीएल के सबसे सफलतम कप्तान के रूप में माने जाते हैं. वहीं भारतीय टीम के लिए इस खिलाड़ी ने पांच मैच में कप्तानी की है. 2010 में जब न्यूजीलैंड की टीम भारत का दौरा करने आई थी. उस समय इस खिलाड़ी को कप्तानी दी गई थी. भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को उस सीरीज में आराम दिया गया था.
गंभीर ने उस सीरीज में शानदार कप्तानी करते हुए पाँचों मैच अपने नाम कर लिए. भारतीय टीम ने गंभीर की कप्तानी में न्यूजीलैंड का क्लीन स्वीप कर दिया.
इसके बाद इस खिलाड़ी को भारतीय टीम की कभी कप्तानी नहीं मिली. इस खिलाड़ी के अंदर कप्तानी की काबिलियत होने के बावजूद वो फिर कभी एक कप्तान के रूप में नजर नहीं आए.
2. वीरेन्द्र सहवाग
सहवाग भारत के सबसे बेहतरीन सलामी बल्लेबाज में से एक माने जाते हैं. उन्होंने अपने बल्ले के दमपर भारत को कई मैच में जीत दिलाई है. लेकिन आपको जानकर ये हैरानी होगी एक कप्तान के रूप में भी वो शानदार रहे हैं.
2003 से 2012 के बीच, 12 वनडे मैचों में, भारत के लिए कप्तानी की है. जिसमे सात मैचों में जीत दर्ज की और 58.33 की जीत का प्रतिशत है. टेस्ट में, उन्होंने दो मैच जीते, कप्तान के रूप में उन्होंने चार टेस्ट में कप्तानी की है.
कप्तानी को लेकर कई बार महेंद्र सिंह धोनी के साथ इस खिलाड़ी का विवाद भी हुआ है.
3. एडम गिलक्रिस्ट
विश्व के सबसे बेहतरीन विकेटकीपर की बात करें तो गिलक्रिस्ट का नाम उसमे सबसे ऊपर आता है. एक सलामी बल्लेबाज के रूप में भी उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की है. एक कप्तान के रूप में इस खिलाड़ी का रिकॉर्ड बेहद ही शानदार रहा है. इस खिलाड़ी ने 17 वनडे 6 टेस्ट और 2 टी-20 मैचों में ऑस्ट्रेलिया टीम की कप्तानी की है.
एक कप्तान के रूप में वनडे क्रिकेट में इस खिलाड़ी का जीतने का प्रतिशत 70. 59 का रहा है. वहीं टेस्ट मैचों में 66.67 की जीत प्रतिशत है. वहीं टी-20 में 50 प्रतिशत. इस शानदार खिलाड़ी को अगर कप्तान के रूप में भी मौका मिलता तो इसका प्रदर्शन और बेहतर होता.
4. डेविड वार्नर
ऑस्ट्रेलिया टीम के सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर अब कभी भी ऑस्ट्रेलिया टीम के कप्तान नहीं बन सकते. इसके पीछे की वजह उनका एक साल पहले बॉल टेम्परिंग करना था. इस वजह से इस खिलाड़ी पर एक साल का प्रतिबंध भी लगा.
आईपीएल में वार्नर का प्रदर्शन शानदार रहा है. अपनी कप्तानी में इस खिलाड़ी ने हैदराबाद को खिताब भी दिलवाया है. लेकिन इतनी काबिलियत होने के बाद भी अब ये खिलाड़ी कभी कप्तान नहीं बन सकता.