भारतीय घरेलु क्रिकेट में आजकल एक चलन बहुत देखा जा रहा है कि खिलाड़ी अपने स्टेट की टीम को छोड़कर किसी दूसरे स्टेट की टीम से खेलने के ज्यादा इच्छुक रहते है.
घरेलु क्रिकेटरो का दूसरे स्टेट से खेलने की दिलचस्पी भारतीय घरेलु क्रिकेट में बढ़ती ही जा रही है और आजकल इसी वजह से भारतीय टीम के लिए खेल चुके रॉबिन उथप्पा भी सुर्खियों में बने हुए है.
कर्नाटक को छोड़ ये सीजन खेलने वाले है सौराष्ट के लिए
रॉबिन उथप्पा भारतीय क्रिकेट का एक बहुत बड़ा नाम है, रॉबिन उथप्पा का ये आईपीएल सीजन भी बहुत शानदार रहा था, मगर अपनी स्टेट टीम कर्नाटक से नाखुश होकर अब रॉबिन उथप्पा इस घरेलु भारतीय क्रिकेट सीजन 2017 -18 में सौराष्ट की टीम से खेलने वाले है. जिसके लिए उन्हें कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) भी मिल गई है.
कर्नाटक को छोड़ सौराष्ट से खेलने का कारण बताया
भारतीय टीम के लिए खेल चुके रॉबिन उथप्पा ने डेली न्यूज़ एनाल्य्सिसी (डीएनए) के पत्रकार जी कृशनन को दिए गए एक इंटरव्यू में कर्नाटक को छोड़ सौराष्ट से खेलने का कारण बताया.
पत्रकार जी कृष्णन- आपने कर्नाटक को छोड़ सौराष्ट से खेलने का फैसला क्यों किया और ये डील कैसे हुई?
रॉबिन उथप्पा – मैं अपने करियर में एक अलग चुनौती चाहता था. इसलिए मैंने इस सत्र में दूसरी टीम से खेलने का फैसला किया जहां तक कर्नाटक का संबंध था, मैंने उसके साथ अच्छा काम किया, मैंने कर्नाटक की कई जीत में उसका योगदान दिया, जो विशेष है. मगर अब मुझे लगा कि यह समय मेरे लिए एक अलग तरीके से खुद को चुनौती देने का है, क्योंकि मैं लगातार एक क्रिकेटर और एक इंसान के रूप में आगे बढ़ना चाहता हूं. इसलिए मैंने सोचा कि एक मजबूत टीम से बाहर निकलकर एक ऐसी टीम से खेलु जिसमे मुझे चुनौती मिले.
इसके बाद सौराष्ट के बोर्ड ने मुझसे संपर्क किया और मुझे वो अपनी चुनौती के लिए ठीक टीम लगी, इसलिए मैंने सौराष्ट की टीम से खेलने का फैसला किया.
पत्रकार जी कृष्णन- लेकिन सौराष्ट्र क्यों? सूत्र तो केरल की तरफ भी ईशारा कर रहे थे.
रॉबिन उथप्पा – हां, मुझे पता है कि मेरी केरल के तरफ से भी खेलने की भी चर्चाए थी. हाँ, मैं उनके साथ संपर्क में भी था मैंने उन्हें बताया था कि मैं एक निश्चित समय पर उनकी टीम से जुड़ जाऊंगा मगर उन्होंने उस तारीख से पहले ही किसी और खिलाड़ी को अपनी टीम से जोड़ लिया, इसलिए मुझे दूसरे पक्ष की तलाश करनी पड़ी और मेरे पास कुछ विकल्प थे जिनमे सौराष्ट्र भी शामिल था.
इसलिए काफी विचार विमर्श के बाद आखिरकार मैंने सौराष्ट की तरफ से खेलने का फैसला किया था. मैं अब सौराष्ट की टीम का हिस्सा बनने में प्रसन्न हूं.