भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच के दौरान 38 मैचों से चला आ रहा अपना रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
दरअसल, विराट ने अपनी कप्तानी के शुरूआती 38 टेस्ट मैचों की प्लेइंग इलेवन में लगातार बदलाव किया था, लेकिन विराट ने अपनी कप्तानी के 39वें मैच की प्लेइंग इलेवन में बदलाव नहीं किया.
हम आपकों अपने इस लेख में तीन ऐसे कारण बताएंगे, जिनके चलते विराट कोहली को सेम प्लेइंग इलेवन खिलाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
ट्रेंट ब्रिज टेस्ट की जीत में सभी खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन
बता दें, कि ट्रेंट ब्रिज में खेले गये तीसरे टेस्ट में भारत के सभी खिलाड़ियों ने जीत में अहम भूमिका निभाई थी, इसलिए कप्तान कोहली चौथे टेस्ट की प्लेइंग इलेवन में बदलाव करने के बारे में सोच भी नहीं पाये थे.
कोहली पर पड़ गया था लोगो का दबाव
बता दें, कि विराट कोहली के प्लेइंग इलेवन बदलने की बातों पर जमकर चर्चाएँ होने लगी थी, ऐसे में भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली पर मीडिया व लोगों की बातों का दबाव पड़ा गया था, इसलिए भी शायद उन्होंने अपना यह 38 मैचों से चला आ रहा रिकॉर्ड तोड़ना ही सही समझा. चौथे टेस्ट मैच में कोहली के सेम प्लेइंग इलेवन खेलने के कारण अब इस तरह की चर्चाओं पर जरुर विराम लग जायेगा.
अपने खिलाड़ियों का जीतना चाहते है भरोसा
बता दें, कि विराट कोहली के कप्तानी को लेकर यह सवाल उठने लगा था, कि वह अपने खिलाड़ियों पर भरोसा नहीं करते है. टीम में होने वाले बदलाव के कारण खिलाड़ी काफी प्रेशर में खेल रहे थे.
विराट ने अपने खिलाड़ियों का भरोसा जीतने की वजह से भी टीम की प्लेइंग इलेवन में बदलाव नहीं किया है. विराट अगर आगे भी भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन में बदलाव नहीं करते है, तो इससे वह अपने खिलाड़ियों का भरोसा जीत सकते है.