इंटरनेशनल क्रिकेट में 24 साल का समय, 34 हजार से ज्यादा रन और 100 शतक…. ऐसा कमाल भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने किया है। सचिन तेंदुलकर ने साल 1989 में अपने करियर की शुरुआत करने के बाद क्रिकेट जगत में अपनी बल्लेबाजी कौशल से ऐसा नाम किया, जिससे आज वो सबसे बड़े रिकॉर्ड पुरुष के रूप में याद किए जाते हैं।
भारत की इस दो यादगार उपलब्धियों में सचिन तेंदुलकर का टोटका
सचिन तेंदुलकर ने वैसे तो इतना बड़ा मुकाम अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर हासिल किया। सचिन तेंदुलकर के यहां तक पहुंचने में सालों की मेहनत है, लेकिन साथ ही वो बाकी खिलाड़ियों की तरह अंधविश्वासी भी थे।
वैसे क्रिकेट जगत में कई ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जो अंधविश्वास पर भरोसा रखते हैं। कई खिलाड़ी टोटको में विश्वास करते हुए आगे बढ़ते हैं। ऐसा ही कुछ सचिन तेंदुलकर भी करते थे। तो आपको सचिन तेंदुलकर के करियर में अंधविश्वास से जुड़ी दो ऐसी उपलब्धि बताते हैं, जो भारतीय क्रिकेट के लिए रही यादगार….
जब वीरेन्द्र सहवाग को सचिन तेंदुलकर ने नहीं होने दिया खड़ा
साल 2011 में भारतीय क्रिकेट टीम ने 28 साल बाद इतिहास दोहराया था। और विश्व कप के खिताब को अपने नाम किया। भारत की इस जीत में वैसे तो खिलाड़ियों का योगदान ही रहा लेकिन सचिन तेंदुलकर का एक टोटका उसमें सबसे यादगार माना जाता है। जिसमें वीरेन्द्र सहवाग को ही तकलीफ में डाल दिया।
दरअसल हुआ यूं कि सचिन और सहवाग जब फाइनल मुकाबले में जल्द आउट हो गए तो दोनों ड्रेसिंग रूम में साथ बैठे थे। सहवाग सचिन की तरफ मुंह करके बैठे थे और सचिन मैच देख रहे थे। उसी दौरान एक के बाद एक दो चौके लगे तो सचिन ने सहवाग को वैसे ही बैठने को कहा। इस दौरान सहवाग को बहुत जोर से टॉयलेट आ रही थी लेकिन सचिन ने उन्हें जाने नहीं दिया। सचिन को लगा कि सहवाग का वैसा ही बैठना भारत के लिए अच्छा हो रहा है। इसी को आखिर तक देखा गया और भारत के लिए विनिंग रन आने के बाद टीम के खिलाड़ी ग्राउंड की तरफ भागे तो सहवाग टॉयलेट की तरफ दौड़े।
अनिल कुंबले के 10 विकेट के लिए सचिन ने किया ये टोटका
इसी तरह से एक और वाकया तब देखने को मिला जब अनिल कुंबले ने एक टेस्ट पारी में 10 विकेट लेने का कारनामा किया। साल 1999 में दिल्ली में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट की दूसरी पारी में अनिल कुंबले ने सभी 10 विकेट अपने नाम किए थे। इस मैच में भी सचिन ने एक टोटका अजमाया जो कारगर साबित हुआ।
इस पारी में जब भी अनिल कुंबले गेंदबाजी को आते थे तो उनका स्वेटर और कैप सचिन अपने हाथों में पहले लेते और वो अंपायर को देते। वैसे तो खुद गेंदबाज ही अपनी चीजों को अंपायर को देता है। लेकिन सचिन के ऐसा करने से कुंबले को विकेट मिलते रहे तो सचिन ने ऐसा अंत तक जारी रखा। आखिर में कुंबले ने 10 विकेट अपने नाम किए।