अपने देश का क्रिकेट में प्रतिनिधित्व करना बेहद गर्व की बात हैं. क्रिकेट में कुछ ऐसे खिलाड़ी रहे है, जिन्हें अपने देश के लिए खेंलने का मौका काफी ज्यादा इंतज़ार के बाद मिला. माइकल हसी और एडम वोगेस ऐसे बड़े नाम है जिन्हें अपने देश के लिए 30 वर्ष की उम्र के बाद अंतराराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने मौका मिला, और इन खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सबको बेहद अधिक प्रवाभित किया. इस लेख में हम 10 भारतीय के बारे में जानेगे जिन्होंने सबसे अधिक उम्र में भारत के एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण किया.
एकदिवसीय क्रिकेट में भारत के लिए सबसे ज्यादा उम्र में पदार्पण करने वाले 10 खिलाड़ी:-
10) तिरुमलई श्रीनिवासन- (30 वर्ष 1 महिना और 10 दिन)
चेन्नई के बल्लेबाज़ तिरुमलई श्रीनिवासन ने घरेलु क्रिकेट में वर्ष 1977 से 1980 के दौरान बेहद शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन श्रीनिवासन अपनी प्रतिभा को अंतराराष्ट्रीय पर साबित नहीं कर पाए और भारत के लिए 2 एकदिवसीय मैचो में श्रीनिवासन ने 10 रन बनायें. वर्ष 2010 में श्रीनिवासन की ब्रेन कैंसर से मौत हुई.
9) उत्पल चटर्जी- (30 वर्ष 8 महिने और 23 दिन)
उत्पल चटर्जी बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स स्पिनर रहे. चटर्जी स्पिन गेंदबाजी की मददगार पिच में बेहद घातक साबित होते थे. चटर्जी ने वर्ष 1995 में एशिया कप के दौरान अपने 2 मैचो में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन उसके बाद न्यूज़ीलैण्ड बल्लेबाजों के विरुद्ध वह नाकाम साबित हुए, जिसके कारण उन्हें भारत के लिए खेलने का मौका दोबारा नहीं मिला पाया. घरेलु क्रिकेट के दिग्गज गेंदबाज़ चटर्जी ने बंगाल के लिए खेलते हुए 504 विकेट हासिल किये.
8) भगवत चंद्रशेखर- (30 वर्ष 9 महिने और 4 दिन)
दुनिया के सबसे महान लेग-स्पिनरो में शुमार रहे भगवत चंद्रशेखर वर्ष 1972 में अर्जुन अवार्ड सम्मान भी हासिल कर चुके हैं. इ.ए.एस प्रसन्ना, बिशन सिंह बेदी, एस. वेंकटराघवन के साथ भगवत चंद्रशेखर ने 1960-1970 के दशक में अपनी स्पिन गेंदबाज़ी से दुनिया के सभी बल्लेबाजों को परेशान किया. 18 वर्ष की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले भगवत चंद्रशेखर ने वर्ष 1976 में पदार्पण किया और अपने पहले ही मैच 36 रन देकर 3 विकेट हासिल किये.
7) फैज़ फज़ल– (30 वर्ष 9 महिने और 9 दिन)
फैज़ फज़ल इस सूचि में शामिल होने वाले सबसे नए चेहरे है. फैज़ फज़ल ने 15 जून 2016 कों ज़िम्बाब्वे के विरुद्ध एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण किया और 55 रनों की नाबाद पारी खेली. लम्बे समय से घरेलु क्रिकेट में मेहनत करने के बाद 2015-16 सीजन फज़ल के लिए ड्रीम सीजन रहा. फज़ल ने देवधर ट्राफी और ईरानी ट्राफी फाइनल में शतक लगाया, जिसके बाद उन्हें ज़िम्बाब्वे के विरुद्ध 16 सदस्यी टीम में शामिल किया गया, और फिर उन्हें एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण करने का मौका मिला.
6) चेतन चौहान- (31 वर्ष 2 महिने और 12 दिन)
पूर्व सलामी बल्लेबाज़ चेतन चौहान सुनील गावस्कर के साथ सलामी बल्लेबाज के रूप में बेहद सफल रहे. चौहान का टेस्ट करियर बेहद शानदार रहा लेकिन सिमित ओवरों के क्रिकेट में चेतन कुछ कमाल नहीं कर पायें. वर्ष 1981 में चेतन चौहान ने अर्जुन अवार्ड सम्मान भी जीता. चेतन ने 7 एकदिवसीय मैचो में 153 रन बनायें, जिस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर 46 का रहा.
5) समीर दिघे-(31 वर्ष 3 महिने और 2 दिन)
जब चयनकर्ताओ ने वर्ष 1999 में समीर दिघे को टीम में चुना, उस दौरान तक वह भारतीय टीम के लिए खेलने की उम्मीद छोड़ चुके थे. सौरव गांगुली ने दिघे को टीम में मुख्य विकेटकीपर के रूप में शामिल किया. समीर भारत के लिए केवल 23 मैच ही खेल पायें जिस दौरान उन्होंने 23.27 की औसत से 256 रन बनायें.
4) सैय्यद आबिद अली- (32 वर्ष 11 महिने और 4 दिन)
भारतीय क्रिकेट टीम के पहले प्रसिद्ध आल-राउंडर आबिद अली, भारत के विदेशी दौरों के दौरान बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे. लेकिन एक दिवसीय क्रिकेट में काफी देरी से पदार्पण करने के कारण सैयद आबिद अली भारत के लिए मात्र 5 एकदिवसीय मैच ही खेल पायें. अंतराराष्ट्रीय से संन्यास के बाद आबिद अली ने मालदीव, युएई और आन्ध्रा टीम की कोचिंग किया.
3) दिलीप दोषी- (32 वर्ष 10 महिने और 14 दिन)
राजकोट से बाए हाथ के स्पिन गेंदबाज़ दिलीप दोषी ने अपने पहले ही मैच में गाबा के मैदान पर न्यूज़ीलैण्ड के विरुद्ध 30 रन देकर 4 विकेट हासिल किये. दोषी ने टेस्ट क्रिकेट महान स्पिन गेंदबाज़ बिशन सिंह बेदी की छत्रछाया में खेला, लेकिन दिलीप को सफलता एकदिवसीय क्रिकेट में मिली. ख़राब फील्डिंग स्किल्स के कारण विश्वकप 1983 में उनके स्थान पर रवि शास्त्री को टीम में चुना गया, और यहीं से उनके करियर का अंत भी शुरू हो गया.
2) अजित वाडेरकर- (33 वर्ष 3 महिने और 12 दिन)
घरेलु स्तर पर 8 वर्षो के लम्बे इंतज़ार के बाद अजित वाडेरकर को वर्ष 1966 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका मिला, लेकिन एकदिवसीय क्रिकेट के लिए वाडेरकर को वर्ष 1974 तक का इंतजार करना पड़ा.
भारत सरकार ने वर्ष 1967 में वाडेरकर को अर्जुन अवार्ड से नवाज़ा. इंग्लैंड और वेस्ट-इंडीज के विरुद्ध ऐतिहासिक टेस्ट जीत के दौरान वाडेरकर भारत के कप्तान रहे. वाडेरकर ने भारत के लिए 2 एकदिवसीय मैच खेले जिसमे उन्होंने 67* और 3 रनों की पारी खेली.
1) फारुख इंजिनियर- (36 वर्ष 4 महिने और 18 दिन)
सबसे अधिक उम्र में भारत के लिए एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले फारुख इंजिनियर ने वर्ष 1975 में एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण किया. वर्ष 1961 से फारुख इंजिनियर टेस्ट में भारत के मुख्य विकेटकीपर के रूप में टीम के सदस्य रहे. फारुख इंजिनियर का एकदिवसीय करियर कुछ खास नहीं रहा और 5 मैचो में उन्होंने केवल 114 रन बनायें.
फारुख इंजिनियर अपने युग के सबसे सुंदर और स्टाइलिश खिलाड़ी रहे. कैथ मिलर और डेनिस कॉम्पटन के बाद फारुख इंजिनियर को ब्रिलक्रीम ने मॉडलिंग के लिए साइन किया था. फारुख इंजिनियर आईपीएल मैचो के दौरान मैच रेफरी की भूमिका भी निभा चुके हैं.