भारतीय टीम के तेज गेंदबाज भारत के उमेश यादव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम गेंदबाजी से परेशान हैं. उमेश का कहना है कि वह अधिक गेंदबाजी करने के लिए काउंटी क्रिकेट खेलना चाहते हैं. भारत के तेज गेंदबाजों में से एक उमेश भारत की खतरनाक टेस्ट गेंदबाजी का हिस्सा हैं लेकिन अब वह सफेद गेंद के क्रिकेट में नहीं दिखते हैं जिससे परेशान होकर वो इंग्लैंड मजाकर काउंटी क्रिकेट खेलना चाहते हैं.
उमेश यादव खेलना चाहते हैं ज्यादा क्रिकेट
उमेश ने कहा, ‘कार्यभार प्रबंधन ऐसा संतुलन है जो आपके लगातार मैच खेलने पर किया जाता है. मेरे मामले में यह उलट है. मैंने पिछले दो वर्षों (2018 और 2019) में काफी कम क्रिकेट खेला. इसलिए मेरी गेंदबाजी में इसका फर्क न पड़े इसलिए मैकन काउंटी क्रिएक्त खेलना चाहता हूँ.
उमेश यादव इस समय विदर्भ के लिए रणजी ट्रोफी मैच खेल रहे हैं. उमेश यदव के नाम 45 टेस्ट में 142 विकेट हैं और उनका मानना है कि उनकी उम्र में उन्हें ज्यादा से ज्यादा क्रिकेट खेलने की जरूरत है ताकि वह लय में रह सकें.
अगले 4-5 साल मेरे लिए हैं काफी अहम
उमेश ने कहा, ‘मैं 31 साल का हूं और मेरे लिए अगले 4-5 साल काफी अहम हैं. अगर आप मेरे रेकॉर्ड को देखो तो मैंने पिछले साल (2019) चार टेस्ट खेले और इससे पिछले साल (2018) भी चार टेस्ट खेले थे. सफेद गेंद से मैंने पिछले साल सिर्फ एक ही मैच खेला था.
लय नहीं खोना चाहता
उमेश ने 2019 में चार टेस्ट में 23 विकेट चटकाए थे और अब तीन रणजी मैच खेल लिए हैं. उन्होंने कहा, ‘इस उम्र में, मैं जितनी ज्यादा गेंदबाजी करूंगा, उतना बेहतर बनूंगा. इसलिए मैं पांच प्रथम श्रेणी मैच खेल रहा हूं ताकि कुछ ज्यादा गेंदबाजी कर सकूं.’ नागुपर के इस गेंदबाज के नाम 75 वनडे में 106 विकेट भी हैं.
ग्लूस्टरशर ने की थी काउंटी क्रिकेट खेलने की पेशकश
उन्होंने कहा, ‘मुझे पिछले सत्र में ग्लूस्टरशर से काउंटी क्रिएक्त खेलने की पेशकश मिली थी. वे मुझे 7 मैचों में खिलाना चाहते थे लेकिन बीसीसीआई की कार्यभार प्रबंधन नीति मुझे दो या तीन से ज्यादा मैच खेलने की अनुमति नहीं देती. इसलिए यह कारगर नहीं रहा. साथ ही आईपीएल के बाद मुझे कुछ हल्की फुल्की चोटें भी थीं.’