बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी का दूसरा सेमीफाइनल सौराष्ट्र और कर्नाटक के बीच खेला जा रहा है. लेकिन इसी बीच यह मैच विवादों में घिर गया है. बता दें पहली पारी में जब बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा का बल्ले का किनारा लगने के बावजूद वापस जाने से इनकार कर दिया. यह वाकया सौराष्ट्र की पारी के 23वें ओवर का है.
पुजारा इस दौरान 1 रन पर बैटिंग कर रहे थे. इसी बीच अभिमन्यु की गेंद पर पुजारा के बल्ले का बाहरी किनारा लेती हुई गेंद सीधे विकेटकीपर के दस्तानों में समा गई. यह देखकर कर्नाटक के खिलाड़ी जश्म मनाने लगे.लेकिन अंपायर ने इनको आउट नहीं दिया. और पुजारा भी आउट होंने के बावजूद वापस नहीं गएं.
अब कर्नाटक के दर्शकों ने पुजारा के साथ किया ऐसा व्यवहार
जब दूसरी पारी में चेतेश्वर पुजारा बल्लेबाजी करने आएं. तब कर्नाटक के दर्शकों ने इस खिलाड़ी पर जमकर शब्दों का वार किया और उनको स्लेज भी किया. उनको दर्शकों ने चीटर चीटर कह के बुलाया.
बता दें, पहली पारी में अंपायर का यह फैसला देखकर कर्नाटक टीम पूरी तरह से भौंचक्की रह गई थी. वे आक्रामक अंदाज में फैसले का विरोध करने लगे लेकिन मैदानी अंपायर ने उन्हें शांत करते हुए मैचा जारी करने का इशारा किया.
करुण नायर और मनीष पांडे जैसे खिलाड़ी इस बात से काफी गुस्से में नजर आए कि पुजारा के दर्जे के खिलाड़ी ने आउट होते हुए खुद वापस जाने की जहमत नहीं उठाई.
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https://twitter.com/NaaginDance/status/1089398010629505024
बता दें, लखनऊ में हुए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 4 विकेट के नुकसान पर 372 का स्कोर बना कर टीम ने जीत हासिल की थी. पुजारा ने उस मैच में नाबाद 67 और शेल्डन जैक्सन ने 109 गेंदों पर नाबाद 73 रन बनाए. इन दोनों के अलावा 19 साल के हार्विक देसाई ने भी 116 रन की पारी खेली थी.
इन कोशिशों का नतीजा यह रहा कि सौराष्ट्र ने रणजी ट्रॉफी के इतिहास के सबसे बड़े स्कोर (372) रनों का सफलतापूर्वक पीछा करके इतिहास रच दिया था. सेमीफाइनल में टीम को 279 रनों का लक्ष्य मिला है.
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