आज आईपीएल के सुपर संडे के मौके पर दिन का पहला मैच मुंबई के वानखाड़े स्टेडियम में मुंबई और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच में खेला गया। जिसे अंतिम ओवर में 13 रनों से मुंबई जीतने में सफल रही।
इस मैच में पहले केकेआर ने टॉस जीता और गेंदबाजी करने का फैसला किया लेकिन उनका फैसला सही साबित नहीं हुआ और मुंबई के सलामी बल्लेबाजों ने शानदार शुरुआत की। एविन लुईस ने 26 गेंदों में 43 रन बनाए तो वहीं सूर्यकुमार यादव ने भी ताबड़तोड़ 59 रनों की पारी खेली। हालांकि इन दोनों के आउट होने के बाद केकेआर ने वापसी की, लेकिनआखिरकार मुंबई ने 20 ओवर में 181 रन स्कोर बोर्ड पर लगा दिया।
केकेआर की खराब शुरुआत
जबाव देने उतरी केकेआर टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। पहली बार ओपनिंग करने आए शुभमन गिल और क्रिस लिन जल्दी आउट हो गए। मुंबई की ओर से आज हार्दिक पांड्या ने शुरुआत में अच्छी गेंदबाजी की। उन्होंने पहले ओवर की पहली गेंद पर शुभमन गिल को आउट कर दिया। उसके बाद अगले ओवर भी शानदार गेंदबाजी की। हार्दिक पांड्या के दूसरे ओवर में उनकी गेंदों का सामना रॉबिन उथप्पा कर रहे थे।
हार्दिक पांड्या ने की अच्छी गेंदबाजी
हार्दिक ने रॉबिन की कमजोरी फायदा उठाते हुए उन्हें शॉर्ट गेंदों से परेशान करना शुरू कर दिया। उथप्पा ने ओवर की तीसरी गेंद पर मिड ऑन की तरफ शॉट खेला और वो मिस टाइम हो गया। उथप्पा का यह शॉट सीधा मिड ऑन पर खड़े मयंक मार्कंडेय के हाथ में गया और उन्होंने कैच ड्रॉप कर दिया।
मयंक ने छोड़ा उथप्पा का कैच
हार्दिक पांड्या की गेंद पर रॉबिन उथप्पा का कैच छोड़ने पर पांड्या को कितना गुस्सा आएगा इसका आप अंदाजा लगा ही सकते हैं। पांड्या का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्हें मयंक मार्कंडेय को गुस्से में कुछ अपशब्दों का प्रयोग करके डांटा।
हार्दिक ने मयंक पर उतारा गुस्सा
हालांकि हमने हार्दिक पांड्या के शब्दों को तो नहीं सुना लेकिन उनके लिप्सिंग और परिस्थिति के अनुसार उन्होंने निश्चित तौर पर मयंक के लिए किसी अपशब्द का प्रयोग किया था। बहराल, यह चीज तो अब आम बात हो गई है। क्रिकेटर्स एक दूसरे का सम्मान करना भूल गए हैं। फिर चाहे वो जूनियर खिलाड़ी हो या सीनियर खिलाड़ी हो।
हार्दिक ने धोनी का भी किया था अपमान
चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ हार्दिक पांड्या ने महेंद्र सिंह धोनी का भी अपमान कर दिया था तो आज के मैच में तो उनके गुस्सा का शिकार उनके जूनियर खिलाड़ी मयंक मार्कंडेय ही हुए हैं। हालांकि हमारे हिसाब से युवा क्रिकेटरों की ऐसी मानसिका एक फेयर क्रिकेट प्लेयिंग के लिए ठीक नहीं है। इसमें सुधार करने के लिए बीसीसीआई को कुछ कदम उठाने चाहिए।
— vineet kishor (@vineetkishor2) May 6, 2018