बैंगलोर में विराट कोहली अपनी कप्तानी का 25 वां मैच खेल रहे हैं। लगातार मैचों में मिल रही जीत से भारतीय टीम का मनोबल काफी बढ़ गया था। विश्व भर से भारतीय टीम को तारीफें मिल रही थी। इसमें सबसे बड़ा योगदान कोहली का माना जा रहा था, लेकिन जब से भारतीय टीम पुणे टेस्ट मैच हारी है तब से लोगों के बोल बदले-बदले से लग रहे हैं। सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर का सबसे अच्छा विपक्षी कप्तान नासिर हुसैन को बताया
वहीं विराट कोहली भी इसमें कुछ नहीं कर पा रहे हैं। भारतीय कप्तान से क्रिकेट प्रेमियों को काफी उम्मीदें थी। लेकिन कप्तान अब तक अपनी छाप छोड़ने में असफल रहे हैं। विराट ने पिछली तीन पारियों महज 25 रन बनाये हैं। बैंगलोर में खेले जा रहे टेस्ट मैच में सभी को विराट से चमत्कारी बल्लेबाजी की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। विराट नाथऩ लायन की गेंद का शिकार हुए और जल्दी ही पवेलियन लौट गए।
आपको बता दें कि जब नाथन लायन ने गेंद डाली तब कोहली ने उस गेंद पर शॉट न मारने का निश्चय किया था और उस वक्त कोहली गेंद को समझ नहीं पाये। लिहाज गेंद उनके पैड पर जा लगी और वो आउट हो गए। आउट होने के बाद कोहली ने निर्णय समीक्षा प्रणाली के जरिये आउट होने के निर्णय की समीक्षा करवाई। तब भी कोहली को आउट ही दिखाया गया। उस में स्पष्ट दिखा रहा था कि गेंद स्टम्पस् में लग रही है। गांगुली ने पहली बार खुल के सामने बोले टीम इंडिया का कोच बनने को लेकर
पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने कहा है कि ”कोहली क्रीज में चहल कदमी ज्यादा कर रहे थे। उन्हें क्रीज में स्थिर हो कर खेलने की जरूरत है। यह दूसरी बार है जब कोहली ने गेंद को आंकने में गलती की है।”
उन्होंने कहा कि “कोहली ने लगातार दो मैचों में यह गलती की है। वो गेंद की लाइन और घूमने की दिशा नहीं समझ पाये।” भारतीय टीम और आईपीएल टीम में जगह न मिलने के बाद प्रज्ञान ओझा ने किया इस देश से खेलने का फैसला
बैंगलोर में नाथन लायन ने अपने कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। इन्होंने 50 रन देकर 8 विकेट झटके। इस पर गावस्कर ने कहा कि ”मैं लायन की बेहतर गेंदबाजी की तारीफ करता हूं। साथ उम्मीद करता हूं कि भारतीय बल्लेबाज इनसे भी श्रेष्ठ प्रदर्शन करें।”