भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली की कप्तानी को चार साल होने वाले हैं। भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ कप्तान रहे महेन्द्र सिंह धोनी ने साल 2014 के अंत में अचानक से टेस्ट क्रिकेट में संन्यास ले लिया। महेन्द्र सिंह धोनी के संन्यास के तुरंत बाद उसी ऑस्ट्रेलियाई सीरीज में विराट कोहली को कप्तानी दी गई।
विराट कोहली की कप्तानी में पहली बार हुआ वो जो नहीं हो सका 44 महीनों में
इस तरह से विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हुए अपनी कप्तानी के सफर को 44 महीनें पूरे कर लिए हैं। विराट कोहली ने इस दौरान भारतीय टीम को जबरदस्त कामयाबी दिलायी। इन्होंने 44 महीनों के अपने कप्तानी कार्यकाल में 38 टेस्ट मैचों में कप्तानी कर चुके हैं। लेकिन भारतीय कप्तान ने पिछले इन 38 टेस्ट मैचों में जो नहीं किया वो इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कर दिखाया।
कप्तान के तौर पर 39वें टेस्ट में विराट कोहली उतरे उसी टीम के साथ
इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का साउथैंपटन में चौथे टेस्ट मैच में जैसे ही टॉस हुआ और उसके बाद विराट कोहली ने वो कर दिया जो वो अपनी कप्तानी में पिछले 38 टेस्ट मैच में नहीं कर सके थे। यानि टीम इंडिया के कप्तान ने टॉस के बाद तीसरे टेस्ट मैच की टीम को बरकरार रखा और कोई बदलाव नहीं किया।
इससे पहले कोहली ने 38 टेस्ट मैच में हर बार किया टीम में बदलाव
इस तरह से विराट कोहली की कप्तानी में पहली बार ऐसा हुआ है जब लगातार दो टेस्ट मैचों कें लिए टीम वहीं उतरी है। इससे पहले विराट कोहली ने जिन 38 टेस्ट मैचों में कप्तानी की थी उन सभी मैचों में भारतीय कप्तान ने अपनी प्लेइंग इलेवन में एक बदलाव तो जरूर किया है लेकिन ये पहला मौका है जब उनकी कप्तानी में टीम की अंतिम एकादश में कोई बदलाव नहीं किया। इस तरह से उन्होंने करीब 4 साल से चले आ रहे अपनी कप्तानी में टीम के बदलाव के तिलिस्म को तोड़ दिया है।
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