भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग ऐसे खिलाड़ी हैं जिनमें हर स्थिति में आत्मविश्वास झलकता है। इस महान खिलाड़ी का मानना है कि अपनी मेहनत के दम पर हर मुश्किल लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनके मुताबिक हर व्यक्ति में इतनी क्षमता होती है कि वह मुश्किल से मुश्किल रास्ता पार कर सकता है, लेकिन आत्मविश्वास में कमी होने की वजह से लोग अक्सर गलती कर बैठते हैं। सर रविन्द्र जडेजा ने सरेआम उड़ाया प्रियंका चोपड़ा का मजाक कहा कुछ ऐसा जिसे सुनकर नहीं रुकेगी आपकी हंसी
युवा खिलाड़ियों को सहवाग का संदेश –
वीरेन्द्र सहवाग ने कहा, ”मैंने खुद से ही सीखा है। मैं कभी भी आत्मविश्वास को कम नहीं होने देता हूं। जब आपका आत्मविश्वास कम होने लगता है तब आप हारना शुरू कर देते हैं। इसलिए हमेशा खुद को तैयार रखने की जरूरत है। अपने आत्मविश्वास को कभी भी कमजोर मत होने दीजिये। हमेशा उम्मीद को जिंदा रखने की जरूरत होती है।”
बताया अपने करियर का शुरूआती अनुभव –
उन्होंने अपने करियर का शुरूआती अनुभव साझा करते हुए कहा, ”जब मैंने भारत के लिए खेलना शुरू किया था तब सौरव गांगुली ने मुझसे ओपनिंग करने के लिए कहा था। उस दौरान मैंने अरुण कुमार की पारी को याद किया और उन्हीं की तर्ज पर एक शानदार पारी खेली।” सहवाग पर कर्नाटक के पूर्व खिलाड़ी जे अरुण कुमार का प्रभाव रहा है। इसलिए उन्होंने उसी अंदाज में शुरूआत की थी। सहवाग ने यह भी बताया था कि उन्होंने उस समय सचिन तेंदुलकर के साथ खेलना शुरू किया था। मुंबई इंडियंस के लिए एक दशक पूरा करने के बाद हरभजन ने किया ये खास ट्वीट
राहुल द्रविड़ से हुए हैं प्रभावित –
सहवाग ने बताया, ”मेरे करियर की शुरूआत में राहुल द्रविड़ ने कहा था कि ज्यादा से ज्यादा रन बनाने की कोशिश करो। उन्होंने कहा था ज्यादा रन बनाने वालों की हर व्यक्ति इज्जत करता है। तब मैंने 2003 में मेलबर्न में खेलते हुए 195 रनों की पारी खेली थी और 2004 में तीहरा शतक मारा था। इन पारियों ने मुझे एक अच्छा मुकाम दिलाया है।”