इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर ने दक्षिण अफ्रीका के ऑलराउंडर वर्नन फिलैंडर को अपशब्द कहा था। बटलर द्वारा कहे गए शब्द स्टंप माइक में साफ-साफ सुनाई दे रहा था। इसके बाद आईसीसी ने 15 फीसदी फीस कटौती का जुर्माना लगाया था। इस घटना पर बटलर ने माफी मांगी और साथ ही यह भी कहा कि मैदान की बातें मैदान तक ही रहनी चाहिए। उसके कहने का अर्थ था कि स्टंप माइक की बातें लोगों तक नहीं पहुंची चाहिए।
वीरेंद्र सहवाग ने दी प्रतिक्रिया
भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है। बीसीसीआई अवॉर्ड में उन्हें मंसूर अली खान पटौदी लेक्सर लेने का मौका मिला था। इस घटना पर अपनी राय देते हुए उन्होंने कहा
“मैदान पर गाली देना सही नहीं है। मेरे बच्चे मुझसे पूछते हैं कि उन्हें बाहर निकालने के बाद उन्होंने क्या कहा था। मुझे (टीवी) वॉल्यूम कम करना पड़ा और अपने बच्चे के साथ आंख से संपर्क हटाना पड़ा। खिलाड़ी हीरो होते हैं। स्टंप माइक्रोफोन को गेम से बाहर निकालने का कोई तरीका नहीं है। नोंकझोक टेस्ट क्रिकेट को दिलचस्प बनाता है लेकिन बुरे शब्दों का उपयोग किए बिना।”
हिंदी में स्लेज करते थे
वीरेंद्र सहवाग ने बताया कि वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों को हिंदी में स्लेज करते थे। इसके साथ ही उन्होंने ऋषभ पंत के बेबी सिटर वाले नोकझोंक की भी तारीफ की। इस बारे में बताते हुए उन्होंने कहा
“मैं हिंदी में ऑस्ट्रेलियन को स्लेज करना पसंद करता था। वे बिल्कुल भी समझ नहीं पाते थे और बस वापस मुस्कुरा देते थे। लेकिन फिर मैं ऋषभ पंत के बेवी सिटर को कम नहीं आंकना चाहता, कौन जानता है कि उसने उन्हें हिंदी भी सिखाई होगी।”
5 दिन का टेस्ट क्रिकेट हो
इसके साथ ही वीरेंद्र सहवाग 5 दिन के टेस्ट क्रिकेट के फेवर में हैं। इस बारे में उन्होंने बयान देते हुए कहा, “चार दिन की चांदनी होती है, टेस्ट मैच नहीं…जल की मछली जल में ही अच्छी है,, बाहर निकालोगे तो मर जाएगी।”