भारतीय क्रिकेट टीम वर्तमान में दुनिया की सबसे खतरनाक टीम है। भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 1932 में अपने क्रिकेट की शुरूआत की थी जिस दौर पर भारतीय टीम फिसड्डी टीमों में से एक गिनी जाती थी, लेकिन इसके 51 साल के बाद भारतीय क्रिकेट के सुनहरे दौर की शुरूआत हुई। जिसने भारतीय क्रिकेट की तस्वीर ही बदल कर रख दी।
जब भारतीय क्रिकेट की बदली तस्वीर
भारतीय क्रिकेट के सुनरहे दौर की शुरूआत हुई साल 1983 में जब भारतीय टीम ने विश्व क्रिकेट की तमाम बड़ी टीमों को दिखा दिया कि वो भी क्रिकेट जगत में अपना रूतबा हासिल करने को तैयार हैं। साल 1983 यानि आज से 35 साल पहले भारतीय टीम ने क्रिकेट की दिग्गज टीमों को चौंकाते हुए विश्व कप खिताब पर कब्जा किया।
35 साल पहले आज ही के दिन कपिल की सेना ने जीता था विश्व कप
25 जून 1983 को भारतीय क्रिकेट टीम ने महान ऑलराउंडर कपिल देव की कप्तानी में उस दौर की सबसे खतरनाक टीम वेस्टइंडीज को फाइनल मुकाबले में परास्त कर भारतीय क्रिकेट के सबसे नायाब पल का अहसास देशवासियों को करवाया।
भारतीय क्रिकेट के लिए विश्व कप की ये जीत पूरी तरह से बदलाव की कहानी लेकर आया, जिसके बाद आज भारतीय टीम विश्व की श्रेष्ठ टीमों में शुमार हो गई है यानि इस सफर की शुरूआत 1983 विश्व कप ने की।
सहवाग ने 1983 विश्व कप जीत को किया खास अंदाज में याद
1993 के विश्वकप जीतने के 35 साल होने पर वीरेन्द्र सहवाग ने अपने ही अंदाज में याद किया। वीरेन्द्र सहवाग ने कप्तान कपिल देव को विश्व कप की ट्रॉफी सौंपते हुए फोटो ट्वीट करते हुए लिखा कि “ये फोटो हमेशा ही भारतीय प्रशंसकों की याद में रहेगी और ये जीत भी याद रहेगी एक ऐसी जीत जिसने भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदल दी। 35 साल बीत चुके हैं और आशा करते हैं कि एक साल बाद इसे भारतीय टीम उसी स्थान पर दोहराए।”
This photo will forever remain in the memory of every Indian cricket fan and so will this victory, a victory which changed the face of Indian cricket. 35 years have passed and hope our Indian team repeats this a year from now at the same venue. pic.twitter.com/jtyITDSi58
— Virender Sehwag (@virendersehwag) June 25, 2018
भारत ने वेस्टइंडीज को फाइनल में 43 रनों से दी थी शिकस्त
आपको बता दें कि 25 जून 1983 को लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में भारत और वेस्टइंडीज के बीच विश्व कप का खिताबी मुकबला खेला गया। इस मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 183 रन ही बनाए। 54.3 ओवर में पूरी भारतीय टीम ऑल आउट हो गई। ये लक्ष्य दो बार की विश्व विजेता टीम वेस्टइंडीज के लिए मुश्किल नहीं था लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने कमाल कर दिखाया। भारत ने वेस्टइंडीज जैसी मजबूत टीम को इसके जवाब में 140 रनों पर ही निपटा कर 43 रनों की ऐतिहासित जीत हासिल की। भारत ने पहली बार विश्व कप का खिताब अपने नाम कर विश्व क्रिकेट को मैसेज दे डाला।
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