सिर्फ एक कान से सुनने वाला भारतीय टीम का यह खिलाड़ी श्रीलंका में जाकर हुआ प्रसिद्ध, यह अनसुनी कहानी सुनकर आप भी करेंगे इन्हें सैल्यूट 1

भारतीय टीम ने श्रीलंका में खेली गयी निदहास टी20 ट्राई सीरीज में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए फाइनल में बांग्लादेश को रोमांचक मुकाबले में हरा दिया है इसके साथ ही अब सीरीज भी खत्म हो चुकी है जिसके बाद अब खिलाड़ी वापस अपने-अपने घरों में पहुँच रहे है। इस पूरी सीरीज में जहाँ कई खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है और काफी प्रभावित किया है उसमें वाशिंगटन सुंदर भी है।

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बता दें कि वाशिंगटन सुंदर जो इस ट्राई सीरीज में सबसे अच्छे क्रिकेट प्रदर्शन करने के कारण उन्हें मैन ऑफ़ द सीरीज का खिताब भी दिया है। वाशिंगटन सुन्दर महज 18 साल के हैं और श्रीलंका में खेली इस निदाहस ट्राई सीरीज में बहुत अच्छी गेंदबाजी है। सुंदर ने इस ट्राई सीरीज में कुल 5 मैचों में मौक़ा मिला जिसमें बहुत शानदार गेंदबाजी करते हुए भारत को 8 विकेट दिलवाए है इसके कारण इन्हें मैन ऑफ़ द सीरीज का खिताब भी दिया गया।

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इसी बीच अगर हम वाशिंगटन सुंदर के व्यक्तिगत जीवन पर नजर डालें तो इनका जन्म 5 अक्टूबर 1999 को दिंडीगुल, तमिलनाडु में हुआ था और इन्होंने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच साल 2017 में श्रीलंकाई टीम के खिलाफ खेला था लेकिन इसके बाद इन्हें कम ही मौक़ा मिला क्योंकि टीम में युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव जैसे स्पिन गेंदबाज मौजूद है लेकिन कुलदीप को इस निदाहस ट्राई में आराम दिया इसके कारण इन्हें सभी मैच खेले का मौका मिला है।

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वाशिंगटन सुंदर भारतीय टीम के ऐसे पहले खिलाड़ी है जो अपने दोनों कानों से सुन नहीं सकते है, जी हां, आपने सही सुना, वाशिंगटन सुंदर पहले भारतीय क्रिकेटर है जो दोनों कानों से नहीं सुन सकते है। कहा जाता है कि ये जब 4 साल के थे तब इनकी इस बीमारी का पता चल पाया था। इसके बाद इनके माता-पिता इनके इलाज के लिए कई अस्पतालों में गये किंतु पता चला कि इसकी यह बीमारी दूर नहीं होने वाली है।

इस प्रकार भारत का यह युवा क्रिकेटर इस बीमारी से लड़ता हुआ भी देश के लिए क्रिकेट खेल रहा है लेकिन फिर भी इन्होंने इस बीमारी को अपने ऊपर पूरी तरह से हावी नहीं होने दिया है। वाशिंगटन सुंदर का कहना है कि, “मुझे पता है कि साथी खिलाड़ियों को मेरी वजह से तकलीफ तो होती है लेकिन उन्होंने मुझे कभी भी नहीं कहा है। वे मेरी इस कमजोरी को लेकर कभी भी कुछ नहीं बोलते है।”

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आपको यह भी बता दें कि इनके पिता ने इनका नाम गॉडफादर पीडी. वाशिंगटन के नाम पर रखा है। वाशिंगटन सुंदर के पिता का मानना है कि पीडी वाशिंगटन हमारी बहुत मदद किया करते थे हमारे लिए युनिफोर्म भी लाते है क्योंकि हम इतने भी अमीर नहीं थे। लेकिन इनका निधन वाशिंगटन सुंदर के जन्म से पहले ही कुछ दिनों पूर्व हो गया था इस कारण मैंने मेरे बेटे का नाम इस महान आत्मा के ऊपर रख दिया।

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RAJU JANGID

क्रिकेट का दीवाना हूँ तो इस पर लिखना तो बनता है।