भारतीय क्रिकेट टीम आज ऊँचाइयों के शिखर पर बैठी हुई हैं. श्रृंखला दर श्रृंखला ना सिर्फ एक के बाद एक जीत दर्ज कर टीम इतिहास रच रही हैं, बल्कि विश्व क्रिकेट पर अपनी बादशाहत भी कायम रखे हुए हैं.
टेस्ट, एकदिवसीय और टी ट्वेंटी हर जगह टीम का कोई जवाब नहीं हैं. टीम को यहाँ तक पहुँचाने में ना सिर्फ मौजूदा खिलाड़ियों का एक बड़ा हाथ रहा हैं, बल्कि उन खिलाड़ियों की भी मेहनत रही हैं जो कभी टीम का अभिन्न अंग हुआ करते थे.
जाने कहाँ गये वो दिन
टीम इंडिया को विश्व की नंबर- 1 टीम बनाने में कई पुराने खिलाड़ियों का बड़ा हाथ रहा हैं. उन चुनिन्दा खिलाड़ियों में से एक नाम दायें हाथ के सलामी बल्लेबाज वसीम जाफ़र का भी आता हैं.
इंडियन क्रिकेट में एक समय ऐसा भी हुआ करता था, जब टेस्ट क्रिकेट की बल्लेबाजी का सारा दारोमदार वसीम जाफ़र के आने से शुरू हुआ करता था. वसीम जाफर पारी की शुरुआत करते थे और ऐसे खेलते थे मानो पैरो में फेवीकॉल नहीं, बल्कि फेवीक्विक लगाकर आये हो.
एक बार विकेट पर नजरे गड़ाने के बाद वसीम को आउट करना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन सा हो जाता था. विश्व क्रिकेट में जो सफलता उन्होंने एक टेस्ट खिलाड़ी के तौर पर हासिल की, वह वनडे या टी ट्वेंटी क्रिकेट में ना कर सके…
रिकॉर्ड दमदार और शानदार
सन 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने टेस्ट और अंतर्राष्ट्रीय करियर का आगाज करने वाले वसीम जाफर ने देश के लिए कुल 31 टेस्ट मैच खेले और 34.10 की एक बढ़िया औसत के साथ कुल 1944 रन बनाये. टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम पर पांच शतक और 11 अर्द्धशतक भी दर्ज रहे. टेस्ट में जाफर के नाम पर दो दोहरे शतक भी दर्ज हैं.
टेस्ट में सफलता पाने के बाद वनडे में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा और उनको ज्यादा खेलने के अवसर भी नहीं मिले. टीम इंडिया के लिए वह सिर्फ दो ही एकदिवसीय मुकाबलें खेल सके और इस दौरान उन्होंने कुल 10 ही रन बनाये.
साल 2008 में अपना अंतिम अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले वसीम जाफर करीब पिछले 9 सालों से टीम इंडिया से बाहर हैं और आज भी घरेलू क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन कर रहे हैं.
टीम हैं फाइनल में
मौजूदा समय में वसीम जाफर रणजी ट्रॉफी में विदर्भा के लिए खेल रहे हैं और इस सत्र में उनकी टीम फाइनल में भी हैं. वसीम जाफर 10 बार रणजी फाइनल खेलने वाले देश के एकमात्र खिलाड़ी हैं. इतना ही नहीं 10 से से कुल आठ बार वह रणजी ट्रॉफी का ख़िताब अपने नाम कर चुके हैं.
2006 से लेकर 2008 तक खेल प्रेमी द्वारा वसीम जाफर और वीरेंद्र सहवाग की ओपनिंग जोड़ी को बहुत ही ज्यादा पंसद किया जाता था. दोनों ने कई बार टीम के लिए बड़ी बड़ी साझेदारीयां कर टीम को सफलताएं दिलाई. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 52 शतक लगा चुके जाफर के नाम 17729 रन दर्ज हैं.
मगर आज के मौजूदा समय में देश को कई यादगार जीत दिलाने वाले यह दिग्गज खिलाड़ी आज गुमनामियों के अंधेरों में खोया हुआ हैं.