काफी सालों तक इशांत एक अनलकी गेंदबाज थे, जो लंबे रन अप से दौडते थे, और बल्लेबाजों को चौकते थे, लेकिन उनको विकेट नहीं मिलता था.

पहले इशांत ज्यादा शॉर्ट पिच गेंदबाजी करते थे, जो अब ज्यादा आगें करते है, और बल्लेबाजों को मुश्किलों में डालते है.

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इशांत काफी महत्वपूर्ण गेंदबाज है, लेकिन एक मैच की पाबंदी की वजह से, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला मैच नहीं खेल पाएंगे.

इशांत शानदार फॉर्म में है, और सिर्फ अपने रवैये की वजह से पहला टेस्ट नहीं खेलेंगे.

1989 के वेस्टइंडीज दौरे पर कपिल देव ने अपना आपा खोया था, और काफी अपील कर रहे थे. ये देखकर सभी चौक गये थे.

इशांत ने लगातार दो टेस्ट में ऐसी गलती की, और गलती तब की, जब बल्लेबाज आउट होने के बाद, ड्रेसिंग रूम में जा रहे थे.

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1981 में सुनिल गावस्कर को सभी ने देखा था, जब अंपायर ने उनको गलत आउट दिया था, तब वे साथी बल्लेबाज को लेकर मैच को बीच में छोडके जा रहे थे. लेकिन उनको टीम मैनेजर ने रोका था तब. और गावस्कर जैसे खिलाडी भी अपने आपको शांत नहीं रख पाये थे.

धम्मिका प्रसाद ने श्रीलंका के लिए इस सीरीज में 15 विकेट लिए, लेकिन उन्होंने हँसते हँसते जश्न मनाया. और इशांत और भारतीय टीम को इससे सिखना चाहिए.

भारत को जीत मिली है, तो भारतीय खिलाडी आक्रमक होंगे. लेकिन ये बात महत्वपूर्ण है कि, बल्लेबाज आउट होने के बाद, उसे उकसाना नहीं चाहिए, और ये बात सिखनी होगी.

और इससे कोहली और शास्त्री पर भी सवाल उठेंगे, की क्या ये दोनों अपने खिलाडियों को शांत नहीं रख सकते.

इससे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ महत्वपूर्ण मैच में, हम इशांत को मिस करेंगे.

SAGAR MHATRE

I am sagar an ardent fan of cricket. I want to become a cricket writer, i always suport virat kohli and ms dhoni in every international match, but not in ipl in ipl i always chear for mumbai indian and...