क्रिकेट के मैदान में वैसे तो हर खिलाड़ी अपने व्यक्तिगत रिकॉर्ड के लिए खेलता है। किसी भी क्रिकेटर की चाहत होती है कि वो अपनी व्यक्तिगत उपलब्धि के दम पर टीम के लिए जीत में योगदान दें। किसी भी क्रिकेटर के लिए व्यक्तिगत उपलब्धि के लिए खेलना बुरी बात नहीं है क्योंकि हर कोई अपने करियर में कुछ खास तो करना चाहेगा ही।
टेस्ट क्रिकेट 5 मौके जब बल्लेबाज को पारी घोषित करने पर छोड़ना पड़ा तिहरा शतक
इसी तरह से बात जब इंटरनेशनल क्रिकेट में टेस्ट क्रिकेट फॉर्मेट की करें तो वहां व्यक्तिगत उपलब्धियों के खास मायने हैं। हर किसी का सपना व्यक्तिगत उपलब्धि के सहारे ही आगे बढ़ने का होता है। लेकिन कई बार ऐसे भी मौके आते हैं जब कोई खिलाड़ी व्यक्तिगत उपलब्धि को भूलकर टीम हित में ध्यान देता है।
वैसे टेस्ट क्रिकेट इतिहास में तिहरे शतक रोज नहीं पड़ते हैं। इसके लिए खिलाड़ियों को लंबा इंतजार करना होता है। अब तक 194 अलग-अलग खिलाड़ियों ने दोहरे शतक के आंकड़े को पार किया है लेकिन इनमें से केवल 27 बल्लेबाज ऐसे रहे जो तिहरे शतक तक पहुंच सके।
इनमें कई बल्लेबाज तो ऐसे रहते हैं जो 200 के स्कोर को करने के बाद अपने विकेट को गंवा देते हैं। लेकिन कई ऐसे बल्लेबाज भी रहे हैं जो तिहरे शतक के करीब पहुंचने के बाद टीम के कप्तान के द्वारा पारी घोषित करने के कारण अपने तिहरे शतक को छोड़ना पड़ा…
#1 जावेद मियांदाद- 280* बनाम भारत (1983)
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व महान बल्लेबाज जावेद मियांदाद को इस टीम के इतिहास के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान भी रह चुके जावेद मियांदाद एक बहुत ही बेहतरीन बल्लेबाज रहे हैं जिन्होंने अपने करियर के दौरान खास मुकाम तक पहुंचे हैं। इमरान खान की कप्तानी में जावेद मियांदाद एक बड़े बल्लेबाज के तौर पर जाने गए हैं।
मियांदाद पाकिस्तान के लिए दूसरे सबसे सफलतम टेस्ट बल्लेबाज रहे हैं। इसी तरह से साल 1983 में जावेद मियांदाद ने टेस्ट सीरीज में भारत के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस सीरीज के चौथे टेस्ट मैच में मियांदाद जब 280 रनों पर बल्लेबाजी कर रहे थे तो पाक कप्तान इमरान खान ने पारी को 581/3 पर घोषित कर दिया। इससे जावेद मियांदाद अपने तिहरे शतक को पूरा नहीं कर सके जिसके बाद वो कप्तान इमरान खान से नाराज भी हो चले थे।