क्रिकेट जगत के सबसे बड़े और महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के नाम अनगिनत रिकॉर्ड हैं। सचिन तेंदुलकर ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अपने जीवन के 24 साल का एक बड़ा समय दिया। इस दौरान उन्होंने टेस्ट और वनडे दोनों ही फॉर्मेट में अपने नाम कीर्तिमान का एक अंबार लगाया। जिनके कई रिकॉर्ड ऐसे हैं उसे तोड़ पाना बहुत ही मुश्किल है।
सचिन तेंदुलकर अपने टेस्ट करियर में एक ही बार हुए हैं स्टंप
सचिन तेंदुलकर के टेस्ट क्रिकेट करियर की बात करें तो उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा मैच खेलने की रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया है। सचिन तेंदुलकर का एक नायाब टेस्ट करियर रहा है।
टेस्ट हो या वनडे सचिन तेंदुलकर को आउट करना किसी भी गेंदबाज के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहा। सचिन ने अपने पूरे करियर में एक जबरदस्त वर्चस्व स्थापित किया। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में ढेरों रिकॉर्ड बनाने वाले सचिन एक बार स्टंप भी हुए।
वीरेन्द्र सहवाग के कहने पर आगे बढ़ गए सचिन तेंदुलकर
सचिन ने वैसे तो टेस्ट क्रिकेट में इतना ज्यादा संभल कर खेला था कि उन्हें स्पंट करना बहुत मुश्किल रहा लेकिन वो एकमात्र बार स्टंप आउट हुए जो खुद नहीं बल्कि अपने सामने खेल रहे साथी की वजह से स्टंप हुए।
साल 2001 में इंग्लैंड के खिलाफ सचिन तेंदुलकर एश्ले जाइल्स की गेंद पर स्टंप हुए जिसकी वजह सामने खेल रहे वीरेन्द्र सहवाग बने जिन्होंने सचिन को स्टेप आउट खेलने के लिए कहा था। लेकिन सचिन के आउट होने के बाद सहवाग इतने डर गए कि वो उनके पास ही नहीं गए।
सचिन के आउट होने के बाद टी ब्रेक में डर के कारण सहवाग नहीं गए ड्रेसिंग रूम में
इसका खुलासा करीब 16 साल के बाद 2017 में सहवाग ने एक समाचार चैनल में किया। जब वीरेन्द्र सहवाग तो दनादन रन बना रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ सचिन 90 के स्कोर पर ऐसे फंसे कि उन्हें आगे का स्कोर बनाना मुश्किल हो रहा था तभी सहवाग ने सचिन को आगे बढ़कर शॉट लगाने को कहा और वो स्टंप हो गए।
सहवाग ने इस घटना को याद करते हुए कहा कि
“जब काफी देर तक सचिन अपना स्कोर आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे तो मुझसे रहा नहीं गया। मैं सचिन के पास गया और कहा कि पाजी गेंद घूम नहीं रही है। कुछ स्पिन तो हो नहीं रही है, आप स्टेप आउट करके क्यों नहीं मारते। एक बार आप मारोगे तो खेलना आसान हो जाएगा। मुझे पाजी को आगे निकलकर मारने के लिए तैयार करने में 2-3 ओवर लग गए। हालांकि दुर्भाग्य था कि जिस गेंद पर उन्होंने स्टेप आउट किया वो गेंद घूम गई और वो स्टंप आउट हो गए। आउट होते ही मैंने अपना मुंह फेर लिया।”
“इसके बाद जब टी ब्रेक हुआ। बैंगलुरू में ड्रेसिंग रूम ऊपर की ओर है, लेकिन मैं ऊपर नहीं गया। नीचे अंपायर के रूम में बैठा रहा। जब मुझे मैसेज मिला कि आ जाओ ऊपर मार नहीं पड़ेगी तब मैं ऊपर गया।”