आज भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे आक्रामक बल्लेबाजो में से एक युसूफ पठान का जन्मदिन हैं. इरफ़ान पठान के बड़े भाई युसूफ पठान आज अपना 35वां जन्मदिवस मना रहे हैं. युसूफ पठान का जन्म आज ही के दिन गुजरात के वडोदरा में हुआ था और एक बेहद ही गरीब परिवार से निकलकर युसूफ पठान ने विश्व क्रिकेट में अपनी एक अलग ही छाप छोड़ी.
मौजूदा समय में भले युसूफ पठान भारतीय टीम से बाहर चल रहे हो, लेकिन टीम इंडिया में उनका योगदान बहुत ही ज्यादा अहम रहा. युसूफ ने अकेले अपने दम पर देश को कितनी ही बड़ी बड़ी जीत दिलाई.
दो शतक भी हैं दर्ज
युसूफ पठान के नाम पर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दो विस्फोटक शतक भी दर्ज हैं. यह दोनों ही शतक एकदम खास और खेल प्रेमियों के लिए यादगार हैं. युसूफ ने अपना पहला शतक न्यूजीलैंड के विरुद्ध बेंगलुरु में लगाया था. यह शतक युसूफ ने सिर्फ 78 गेंदों में पूरा किया था, जबकि अपना दूसरा शतक युसूफ पठान ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्ही की सरजमी पर मात्र 65 गेंदों में बनाया था.
युसूफ ने अपना शतक बेहद ही विपरीत हालातों में लगाया था. दरअसल न्यूजीलैंड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 315/7 का स्कोर बनाया था और टीम इंडिया के सामने 316 रनों का विशाल लक्ष्य था. इस लक्ष्य का पीछा करते समय एक समय टीम का स्कोर 108 पर चार था, लेकिन युसूफ पठान ने बिलकुल भी हार नहीं मानी और टीम को मैच जीतकर ही मैदान से लौटे.
मात्र 78 गेंदों में अपना शतक पूरा करने वाले युसूफ पठान ने इस मैच में 96 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 123 रनों की पारी खेली थी. अपनी पारी के दौरान युसूफ ने सात चौके और सात लम्बे लम्बे छक्के भी लगाये थे. टीम इंडिया यह मुकाबला 5 विकेट से जीतने में सफल रही थी और युसूफ पठान को ‘मैन ऑफ़ द मैच‘ का अवार्ड भी मिला था.
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दूसरा शतक
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया, यह एकदिवसीय मैच कहीं आप भूल तो नहीं गये. जी हाँ ! यह वही वनडे मैच हैं, जिसमें भारतीय टीम के विस्फोटक बल्लेबाज़ युसूफ पठान ने ताबड़तोड़ अंदाज़ में खेलते हुए लाजवाब शतकीय पारी खेली थी. इस मैच में युसूफ पठान ने सातवें क्रम पर खेलते हुए लाजवाब 105 रनों की आतिशी पारी खली थी. युसूफ पठान ने इस मैच में अपना शतक मात्र 65 गेंदों में पूरा कर लिया था और अपनी पारी में शानदार 8 चौके और 8 लम्बे लम्बे छक्कें मारे थे.
युसूफ पठान ने अपनी यह पारी 251 रनी के लक्ष्य का पीछा करते हुए खेली थी, लेकिन भारतीय टीम यह मैच 33 रनों से हार गयी थी. मगर युसूफ पठान की पारी आज भी भुलाये नहीं भूलती.
युसूफ पठान के वनडे करियर का यह दूसरा शतक रहा. इसी पारी के बाद युसूफ पठान को साल 2011 के एकदिवसीय विश्व कप का टिकेट भी मिल गया था.
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