साल 2018 में श्रीलंका की धरती पर निदहास ट्राई सीरीज का आयोजन किया गया था. इस ट्राई सीरीज में भारत और श्रीलंका के अलावा बांग्लादेश की टीम ने हिस्सा लिया था. इस ट्राई सीरीज का फाइनल मुकाबला भारत और बांग्लादेश के बीच खेला गया था और इस रोमांचक मुकाबले को भारत ने 4 विकेट के अंतर से जीता था.
विजय शंकर की पारी बन सकती थी हार का कारण
इस मैच में भारतीय टीम को जीतने के लिए 167 रन का लक्ष्य मिला था. इस मैच में दिनेश कार्तिक से पहले कप्तान रोहित शर्मा ने विजय शंकर को बल्लेबाजी के लिए भेज दिया था.
विजय शंकर से उस दिन टाइमिंग नहीं हो पा रही थी और वह काफी संघर्ष करते हुए नजर आ रहे थे. उन्होंने इस मैच में 19 गेंदों पर मात्र 17 रन बनाए और उनकी इस पारी की वजह से भारतीय टीम एक समय हार के कगार पर खड़ी थी.
गेंदबाजी में भी 4 ओवर में दिए थे 48 रन
बल्लेबाजी के साथ उनका वह दिन गेंदबाजी में भी काफी खराब था. वह अपने 4 ओवर में 12 की इकॉनामी रेट से कुल 48 रन खर्च कर बैठे थे और इस दौरान उन्हें एक भी विकेट हासिल नहीं हुआ था.
विजय शंकर की 19 गेंदों पर 17 रन की धीमी पारी की वजह से एक समय, तो भारतीय टीम की हार लगभग तय लग रही थी. हालांकि दिनेश कार्तिक ने अंतिम गेंद पर छक्का लगाकर भारतीय टीम को इस फाइनल मुकाबले में जीत दिलाई थी. दिनेश कार्तिक ने अपनी 8 गेंदों पर पारी में 29 रन बना डाले थे.
जब भी मैं सोने जाता था, तो मेरे आँखों में आंसू आते थे
विजय शंकर ने अपने एक इंटरव्यू में निदहास ट्रॉफी फाइनल में किये गए खराब प्रदर्शन के बाद अपने जीवन का अनुभव बताते हुए कहा, “उस प्रदर्शन के बाद मेरे लिए बाहर आना काफी कठिन हो गया था. पहले हफ्ते मुझे अपने घर से बाहर जाना बहुत मुश्किल लगा, क्योंकि, लोग मेरे पास आते थे, और वे मुझसे हमेशा नकारात्मक चीजों के बारे में पूछते थे. पहले दो-तीन दिनों के बाद, मैं सचमुच बिखर गया था. हर बार जब मैं सोने के लिए जाता था, तो मेरी आँखों में आंसू आ जाते थे. इसलिए, मैने इस परिस्थिति से बाहर आने के लिए बहुत मेहनत की थी.
हालांकि उसके कुछ समय बाद आईपीएल था और मैंने उस सीजन अच्छा प्रदर्शन किया. वहां से मेरे लिए सब कुछ बदल गया, इसलिए में इस बात को मानता हूं समय रातोरात बदल जाता है.”