बीती रात मेजबान इंग्लैंड ने भारतीय टीम 31 रन हराकर लगातार मिली दो बड़ी हार के बाद टूर्नामेंट में शानदार वापसी की. इंग्लैंड ने ना सिर्फ जीत दर्ज की, बल्कि अपनी अंतिम चार की उम्मीदों को भी एक बार फिर जीवित कर डाला. इस मैच में टीम इंडिया के मध्यक्रम के बल्लेबाजों मने बहुत ही बेकार खेल दिखाया.
बात अगर टूर्नामेंट में अपना पहला मैच खेल रहे युवा ऋषभ पन्त की करे तो ऋषभ पन्त को इंग्लैंड के विरुद्ध नंबर 4 पर मौका दिया गया था और वह इस दौरान 29 गेंदों में 32 रन बनाकर आउट हुए.
क्यों पन्त की जगह कार्तिक या जडेजा को मिलना चाहिए था मौका
इंग्लैंड के खिलाफ ऋषभ पन्त को चोटिल विजय शंकर के स्थान पर टीम में शामिल किया गया. ऋषभ पन्त का नाम अंतिम ग्यारह में देखने के साथ ही कई खेल प्रेमियों का ऐसा मानना रहा हैं, कि टीम में उनके स्थान पर अनुभवी दिनेश कार्तिक या रविन्द्र जडेजा को मौका देना चाहिए था.
काफी हद तक यह बात एकदम सही भी हैं. रविन्द्र जडेजा और दिनेश कार्तिक इन दोनों ही खिलाड़ियों के पास बहुत अनुभव हैं और दोनों ही इंग्लैंड की सरजमीं पर पहले खेल चुके हैं. ऋषभ पन्त ने मैच में 32 रन जरुर बनाये, लेकिन जब वह आउट हुए तब तक इंग्लैंड मैच में दमदार वापसी कर चुका था.
जडेजा के आने से होता यह फायदा
मैच में अगर रविन्द्र जडेजा को टीम में शामिल किया जाता, तो विराट कोहली को टीम में एक अतिरिक्त गेंदबाजी का विकल्प भी मिलता. विश्व कप के अभ्यास मैचों में भी जडेजा ने काफी शानदार खेल दिखाया था. रविन्द्र जडेजा ना सिर्फ एक अच्छे गेंदबाज हैं, बल्कि नीचलेक्रम में जोरदार बल्लेबाजी भी करना बखूबी जानते हैं.
रविन्द्र जडेजा का ट्रैक रिकॉर्ड भी इंग्लैंड के खिलाफ काफी लाजवाब रहा हैं और उन्होंने अभी तक कुल 37 इंग्लिश बल्लेबाजों का शिकार किया हैं. 22 वनडे मैचों में इंग्लैंड के विरुद्ध जडेजा ने 45 की बढ़िया औसत के साथ 465 रन भी बनाये हैं.
कार्तिक के पास था अनुभव
इसमें बात में कोई शक नहीं हैं दिनेश कार्तिक अनुभव के धनि हैं. 34 वर्षीय दिनेश कार्तिक को नंबर 4 पर आजमाया जा सकता था. वनडे में दिनेश कार्तिक का औसत 31 का रहता हैं, जबकि नंबर 4 पर खेलते हुए उनका औसत बढ़कर 40 का हो जाता हैं. बीते डेढ़ सालों में दिनेश कार्तिक ने अकेले अपने दम पर टीम इंडिया को कई यादगार मैच जीताये भी हैं.
ऋषभ पन्त के पास अभी अनुभव की खासी कमी हैं और इंग्लैंड के खिलाफ दिनेश का अनुभव टीम के के काम आता है और क्या पता वह अंत में मुकाबलें को फिनिश करने में भी सफल रहते.