चैंपियंस ट्राफी में पहले मैच में इंग्लैंड के स्टार गेंदबाज़ क्रिस वोक्स चोट के कारण पुरे सत्र से बाहर हो गए हैं . 2015 के वर्ल्ड कप से बाहर होने के बाद जिस तरह इंग्लैंड ने अपने खेल में सुधार किया हैं. वो शानदार हैं.लोग लगातार स्टोक्स और रूट की बात कर रहें हैं, लेकिन वोक्स का प्रदर्शन लगतार टीम के लिए शानदार रहा हैं.उन्होंने ने हमेशा से अपने प्रदर्शन से टीम की जीत में योगदान दिया हैं. ऐसे में उनका चोट की वजह से बाहर होना इंग्लैंड के लिए के बड़ा झटका है.
चैंपियंस ट्राफी की उम्मीदों को लगा झटका
चैंपियंस ट्राफी में इंग्लैंड ने क्रिस वोक्स को शुरुआत में और डेथ ओवेर्स में गेंदबाज़ी के लिए चुना गया था . क्रिस वोक्स शुरुआत में स्विंग करा सकते हैं इसके अलावा वो डेथ ओवेर्स में भी अच्छी गेंदबाज़ी करा सकते हैं . उनकी यही खूबी उन्हें मॉडर्न क्रिकेट का सबसे बहुमूल्य खिलाड़ी बनती हैं . इसके अलावा वो टीम के लिए बल्लेबाज़ी भी कर सकते हैं.
8वें नंबर पर बल्लेबाज़ की कमी हो जाएगी
एक अच्छे गेंदबाज़ होने के साथ साथ वो एक 8 वें नंबर पर बल्लेबाज़ी भी कर सकते हैं. उन्होंने 12 महीने से पहले श्रीलंका के खिलाफ 8वें नंबर पर आते हुए नाबाद 95 रन की पारी खेली थी. जो वन डे क्रिकेट के इतिहास में 8वें नंबर पर खेलते हुए किसी भी खिलाड़ी सर्वेश्रेठ स्कोर हैं .उन्होंने ने कुछ इस तरह एंटिगा में इंग्लैंड ने 124 रन बना कर 6 विकेट गंवा दिए थे. लेकिन इसके बाद बल्लेबाज़ी करने आए वोक्स ने नाबाद68 रन की पारी खेली थी.उनकी इस पारी के वजह से इंग्लैंड ने मैच को 4 विकेट से जीत लिया था.
ऐसे में उनका टीम ने होना टीम की बल्लेबाज़ी पर भी असर डालेगा. उनके न होने से टीम के विश्वास में कमी आई होगी कि उनके पास 8 नंबर तक बल्लेबाज़ी हैं. ऐसे में उनके न होने से चैंपियंस ट्राफी में टीम पर असर पड़ सकता हैं .
टीम के पास हैं विकल्प के रूप में कई नाम
वोक्स के आउट होने के बाद इंग्लैंड के पास कई सारे विकल्प हैं. टीम के पास ब्राड , फिन एंडरसन जैसे गेंदबाज़ हैं. ऐसे में टीम उन्हें वापस बुला सकती हैं. अब देखना दिलचस्प होगा टीम आने वाले समय किस को उनके विकल्प के रूप में चुनती हैं.
इंग्लैंड का आने वाला सफ़र हो सकता हैं मुश्किल
इंग्लैंड को आने वाले ग्रुप मैच में ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड जैसी टीमों से खेलना हैं. ऐसे में टीम उनको चैंपियंस ट्राफी के दौरान काफी ज्यादा याद करने वाली हैं . उनके न होने से टीम के गेंदबाज़ी आक्रमण पर काफी ज्यादा असर पड़ने वाला हैं.