भारत ने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था. इस दौरे पर भारत ने चार मैचों की टेस्ट सीरीज को 2-1 के अंतर से जीता था और पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर हराया था. भारत एशिया की पहली टीम बनी थी, जिसने ऑस्ट्रेलिया की टीम को उसी के घर पर हराया हो, इससे पहले कोई भी एशियाई टीम ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर पर हराने का यह शानदार करनामा नहीं कर पाई थी.
भारत के खिलाफ सीरीज हारना, मेरे जीवन का कठिन दौर
ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लैंगर ने अपने एक बयान में कहा, “भारत के खिलाफ घरेलू सीरीज हारना मेरे कोचिंग करियर के लिए खतरे की घंटी थी और निश्चित रूप से यह मेरे जीवन का एक कठिन दौर भी था. मुझे इसमें कोई शक नहीं कि दस साल बाद जब मैं अपने कोचिंग करियर की समीक्षा करूंगा, तो वह सीरीज निर्णायक साबित होगी.”
महत्वपूर्ण यह कि आप क्या सबक सीख सकते
जस्टिन लैंगर ने आगे अपनी बात को बढ़ाते हुए कहा, “साल 2001 में जब मैं 31 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलियाई टीम से बाहर हो गया था, तो मुझे लगा कि यह मेरे करियर का अंत है और मैं फिर कभी वापसी नहीं कर पाऊंगा, लेकिन मैंने वापसी की थी. ऐसे में महत्वपूर्ण यह होता है कि आप प्रतिकूल परिस्थितियों में क्या सबक सीख सकते हैं.”
जस्टिन लैंगर की कोचिंग में अब सही दिशा में आगे बढ़ रही ऑस्ट्रेलिया
भारत के खिलाफ घरेलू सीरीज हारने के बाद जस्टिन लैंगर ने ऑस्ट्रेलिया की टीम को काफी अच्छी तरह से संभाला है. एशेज सीरीज जहां ऑस्ट्रेलिया की टीम इंग्लैंड की धरती पर 2-2 से बराबर करने में कामयाब रही थी.
वहीं घरेलू सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को 2-0 और न्यूजीलैंड को 3-0 से टेस्ट सीरीज हराई थी. विश्व कप 2019 में भी ऑस्ट्रेलिया ने अच्छा खेल दिखाया था. हालांकि सेमीफाइनल मुकाबले में टीम को इंग्लैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ गया था.
बता दें, कि बॉल टेम्परिंग विवाद में फंसने के बाद डैरेन लेहमन ने कोचिंग पद छोड़ दिया था और ऐसे मुश्किल समय में जस्टिन लैंगर को ऑस्ट्रेलिया का कोच बनाया गया था.