रिद्धिमान साहा ने श्रीलंका के खिलाफ ऐसे समय में लगातार दो अर्धशतक जमाए जबकि उन्हें आत्मविश्वास बढ़ाने के लिये इनकी सख्त जरूरत थी और अब उनकी निगाह चोट से उबरकर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली सीरीज में वापसी करने पर लगी हैं.
रिद्धिमान चोटिल होने के कारण श्रीलंका के खिलाफ तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में नहीं खेल पाए थे. उन्होंने कहा, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट होने में अभी दो महीने का समय है. मुझे पूरा विश्वास है कि उससे काफी पहले मैं पूरी तरह फिट हो जाउंगा. मैं मैच फिट होने के लिए अगले महीने रणजी ट्राफी में खेलूंगा. अभी मैं कोलकाता में हूं और चोट से उबर रहा हूं. बाद में मैं बंगलुरू जाकर पता करूंगा कि क्या मैं पूरी तरह फिट हो चुका हूं क्योंकि मुझे फिजियो से मंजूरी की जरूरत पड़ेगी.’
इस 30 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज ने श्रीलंका दौरे पर अपने प्रदर्शन पर खुशी जाहिर की. रिद्धिमान ने कहा, ‘निश्चित तौर पर दो अर्धशतकों ने मनोबल बढ़ाने का काम किया. मुझे खुशी है कि मैंने टीम की 2-1 से सीरीज जीतने में अपनी तरफ से योगदान दिया. मेरे लिए रनों की संख्या से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि मैंने किस परिस्थिति में ये रन बनाए. जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो संतुष्टि होती है कि विराट मुझसे जो चाहता था मैं वैसा कर पाया.’
उन्होंने कहा कि उनके लिए गाले की 60 रनों की पारी पी सारा ओवल की 56 रनों की पारी से बेहतर थी. रिधिमान ने कहा, ‘मैं गाले की पारी को ऊपर रखूंगा क्योंकि उस पिच पर टर्न और उछाल दोनों थी. इसके अलावा मैंने तब तक टेस्ट मैचों में अर्धशतक नहीं जमाया था. यह चुनौती थी जिसका मैंने आनंद लिया. इसके अलावा मैंने दोनों टेस्ट मैचों में पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ बल्लेबाजी की. धम्मिका प्रसाद और रंगना हेराथ बहुत अच्छे गेंदबाज हैं और उनके खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने से आत्मविश्वास बढ़ा.’ सिलिगुड़ी के रहने वाले रिद्धिमान ने अब तक खेले सात टेस्ट मैचों में 284 रन बनाए हैं.
अपने छोटे करियर में उन्होंने जिन गेंदबाजों का सामना किया उनमें रेयान हैरिस को सबसे कुशल गेंदबाज करार दिया लेकिन प्रसाद को भी वह उनके करीब मानते हैं. रिद्धिमान विकेटकीपर के रूप में अपनी भूमिका से भी खुश हैं. उन्होंने कहा, ‘श्रीलंका में विकेटकीपिंग करने में मजा आया. जब मैंने उपमहाद्वीप के विकेट पर चौथे और पांचवें दिन इस तरह की उछाल देखी तो मुझे विश्वास नहीं हुआ. गेंदबाजों में कुछ अवसरों पर इशांत काफी तेज गेंद कर रहे थे भले ही वह वरूण आरोन और उमेश यादव से तेज नहीं है.’
उन्होंने इसके साथ ही कहा कि अजिंक्य रहाणे ने उन्हें अभ्यास मैचों के दौरान रन नहीं बना पाने की निराशा से उबरने में मदद की. रिद्धिमान ने कहा, ‘जब मैंने अभ्यास मैच में कम स्कोर बनाया तो अजिंक्य ने मेरे पास आकर कहा, चिंता मत करो, तुम टेस्ट में स्कोर करोगे जो मायने रखता है.’
रिधिमान से पूछा गया कि क्या नमन के आखिरी टेस्ट में खेलने से उन पर दबाव है, उन्होंने कहा, ‘मैं दूसरों के प्रदर्शन के बारे में सोचकर क्रिकेट नहीं खेलता. मैं चोटिल हो गया और नमन को मौका मिला. उसने अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ काम किया और भारत मैच जीता. कौन खेलेगा यह तय करना चयनकर्ताओं का काम है. मेरा काम अच्छा प्रदर्शन करना है.