युवराज के पिता योगराज सिंह ने हिन्दूयों को बताया गद्दार, हिन्दू महिलाओं पर की अभद्र टिप्पणी 1

पूर्व भारतीय ऑल्रराउंडर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह का नाम एक बार फिर से विवादों में आ गया है. किसान आंदोलन में किसानों के बीच अपनी बात रखते हुए योगराज सिंह ने एक बार फिर अपने बड़बोलेपन की मिसाल दी. सरकार के विरोध में बोलते हुए कब योगराज सिंह धार्मिक भावनाएं भड़काने लगे. हिंदू धर्म को लेकर की गई भड़काऊ टिप्पणियों के बाद ट्विटर पर लोग योगराज सिंह पर बुरी तरह भड़के हुए हैं और उनकी गिरफ़्तारी की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा काफ़ी लोग इस मसले पर युवराज सिंह को भी निशाना बना रहे हैं.

हिंदू धर्म पर विवादित टिप्पणी

योगराज सिंह

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किसान प्रदर्शन में शामिल हुए योगराज सिंह शायद ये भूल ही गए कि वो किस आंदोलन में हैं और आंदोलन की माँगें क्या हैं. फ़सल, एमएसपी और किसानों की बुनियादी माँगों को भूल कर योगराज ने धार्मिक उन्माद भड़काने वाली टिप्पणी करने लगे और हिंदू धर्म को लेकर अनाप-शनाप बातें करने लगे. पहले सरकार के खिलाफ़ बोलते हुए योगराज सिंह ने कहा कि,

“आप लोगों को उनकी बात नहीं माननी है, वो चाहते हैं किसान बुराड़ी के निरंकारी मैदान में आकर जमा हो. लेकिन आप लोगों ने वहाँ न जा कर बहुत अच्छा किया, आप लोग उनकी एक न सुने, ये लोग आपको धोखा दे रहे है.”

हिंदू महिलाओं को लेकर अमर्यादित बयान

युवराज के पिता योगराज सिंह ने हिन्दूयों को बताया गद्दार, हिन्दू महिलाओं पर की अभद्र टिप्पणी 2

योगराज केवल सरकार के ही विरोध पर नहीं रुके, इसके बाद उन्होंने हिंदू धर्म को लेकर एक के बाद एक उन्मादी बयान दिए. सरकार के खिलाफ़ बोलने से शुरुआत करने के बाद  हिंदू धर्म और हिंदू महिलाओं को लेकर योगराज की ज़बान पर कोई लगाम ही नहीं थी. आगे योगराज ने कहा कि,

“ये वो लोग हैं जो अपनी माँ-बहनों की कसमें खा कर मुकर जाते हैं. वो हमारे सिख पूर्वज़ ही थे जिन्होंने मुगल दरबारों में कौड़ियों दाम में बिकती इनकी महिलाओं की इज़्ज़त बचाई. वो दौर भी था जब दिल्ली के दरबार में औरतों की बोली लगती थी. ये लोग हमारे पूर्वजों का अहसान भूल चुके हैं, ये पूरी तरह से अहसान फ़रामोश लोग  हैं.”

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इस तरह के बड़बोलेपन का क्या है हल?

युवराज के पिता योगराज सिंह ने हिन्दूयों को बताया गद्दार, हिन्दू महिलाओं पर की अभद्र टिप्पणी 3

योगराज सिंह के इस तरह के बयानात के बाद एक बहस और खड़ी हो जाती है कि इस तरह किसी आंदोलन के हाइजैक का हल क्या है. कोई भी आकर आंदोलन की आड़ में धार्मिक भावनाएं क्यों भड़काए. लोगों के गुस्से को भी नाजाइज़ नहीं ठहराया जा सकता. धार्मिक सद्भाव और सौहार्द को इस तरह खराब करने वाले किसी भी आदमी के लिए माफ़ी की कोई जगह नहीं है फिर चाहे उसकी पहचान जो भी हो.

ट्विटर पर भी लोगों की उन्हें जेल भेजने की मांग है

https://twitter.com/RemyaNair5/status/1334902016951271424?s=20

https://twitter.com/lingwal1984/status/1334895828951916546?s=20

https://twitter.com/dharmicverangna/status/1335009028376723456?s=20

https://twitter.com/ArnabFanclub7/status/1334909106973380608?s=20

Umesh Sharma

Everything under the sun can be expressed in written form. So, I am practicing the same since the time I hold my consciousness and came to know pen and paper. Apart from being a Writer, Journalist, or...