2 अप्रैल 2011… 28 साल के लंबे इंतजार के बाद टीम इंडिया ने अपना दूसरा एकदिवसीय विश्व कप खिताब जीतकर अपने नाम किया था. इस खिताब को जीतकर भारत ने सभी देशवासियों को खुशी का नायाब तोहफा दिया था. पूरे देश में त्यौहार का माहौल था. अब 2 अप्रैल को सोशल मीडिया पर हर कोई उस यादगार पल को याद करता दिखा. इसी बीच कोच रवि शास्त्री ने भी एक पोस्ट शेयर किया लेकिन उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया जिसके चलते उन्हें ट्रोल होना पड़ा.
रवि शास्त्री ने दी विश्व कप जीतने की बधाई
Many Congratulations Guys! Something you will cherish all your life. Just like we from the 1983 group #WorldCup2011 – @sachin_rt @imVkohli pic.twitter.com/1CjZMJPHZh
— Ravi Shastri (@RaviShastriOfc) April 2, 2020
2 अप्रैल को भारत को अपना आईसीसी विश्व कप का दूसरा खिताब जीते 9 साल पूरे हो गए. इस खास मौके पर सोशल मीडिया पर चारों तरफ क्रिकेट फैंस बधाई देते नजर आए. इसी बीच टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भी भारतीय क्रिकेट टीम का वीडियो क्लिप शेयर करते हुए बधाई देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा- बहुत बधाई हो! ये यादें आपकी पूरी जिंदगी में खुशियां लाएंगी. बिल्कुल वैसे ही जैसे हमारे 1983 के ग्रुप के जीवन में. शास्त्री ने इस वीडियो को शेयर करते हुए सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली को भी टैग किया.
युवराज सिंह ने कर दिया ट्रोल
Thanks senior ! U can tag me and mahi also we were also part of it 😂
— yuvraj singh (@YUVSTRONG12) April 2, 2020
रवि शास्त्री ने 2011 विश्व कप की बधाई देते हुए सचिन तेंदुलकर व विराट कोहली को टैग किया. इसपर युवराज सिंह ने मुख्य कोच को ट्रोल करते हुए लिखा- धन्यवाद सीनियर! आप मुझे और माही को भी टैग कर सकते हैं। हम भी इस वर्ल्ड कप का हिस्सा थे.
हालांकि इसके बाद शास्त्री ने युवराज को जवाब देते हुए लिखा- जब बात वर्ल्ड कप्स की आती है तो आप जूनियर नहीं हो. तुस्सी लीजेंड हो.
28 साल बाद टीम इंडिया ने जीता था दूसरा खिताब
2 अप्रैल 2011 के दिन श्रीलंका क्रिकेट टीम के साथ खेले गए फाइनल मुकाबले में भारतीय बल्लेबाज शुरुआत में लड़खड़ाती दिखी थी. असल में इस फाइनल मैच में वीरेंद्र सहवाग 0 और भारत की रीढ़ की हड्डी सचिन तेंदुलकर 18 रनों पर पवेलियन लौट गए. सचिन के आउट होते ही वानखेड़े स्टेडियम में ही नहीं बल्कि पूरे देश को मानो सांप सूंघ गया. मगर इसके बाद बचे हुए बल्लेबाजों ने कमान संभाली.
इसमें गौतम गंभीर ने 97 रनों की पारी खेलकर पारी को मजबूती दी. इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी की 91 रनों की पारी और आखिर में अपने अंदाज में छक्के के साथ फिनिश करके टीम को खिताबी जीत दिलाई थी. तब से आज तक धोनी के उस छक्के को भारतीय क्रिकेट फैंस हमेशा याद करते हैं. इस दौरान कैंसर से लड़ रहे युवी ने भी धोनी का साथ देते हुए 24 गेंदों पर 21 रनों की तूफानी पारी खेली थी.